मजदूरों के शोषण वाली नीति के खिलाफ ट्रेड यूनियन का प्रदर्शन

कोयलांचल क्षेत्र पाथाखेड़ा में शुक्रवार की शाम 5:30 बजे संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में ट्रेड यूनियनों ने सार्वजनिक उद्योग का निजीकरण और श्रम कानूनों के बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन कर वेकोलि महाप्रबंधक पीके चौधरी को प्रधानमंत्री मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में ट्रेड यूनियन इंटक, सीटू, एचएमएस और एटक शामिल थीं। इस संयुक्त ज्ञापन में मोर्चा ने कहा वर्तमान केंद्र में बैठी सरकार देश में बुनियादी ढांचा और देश के पूंजीपतियों को खुली छूट देने के उद्देश्य से लगातार श्रम कानूनोंं, पब्लिक सेक्टर व एफडीआई के तहत भारी बदलाव लाकर देश की मेहनतकश जनता पर हमले कर रही है। इससे देश की अधिकांश आबादी पर गुलामी का खतरा मंडराने लगा है मोर्चा के अशोक नामदेव ने बताया कि वर्तमान समय में कामगारों के कार्य के घंटे 8 है। जिसे वर्तमान सरकार बढ़ाकर 12 घंटे करने वाली है, जो की मजदूर हित में नहीं है। इससे मजदूरों की गुलामी प्रथा को बढ़ावा मिलेगा। वहीं इंटक के भरत सिंह ने बताया जनता को वर्तमान सरकार ने अच्छे दिन आने वाले है का आश्वासन दिया था, जो देश की 95 प्रतिशत आबादी के साथ श्रम विरोधी कानून लाकर अच्छे दिन तो दूर अब इनको बुरे दिन की तरफ अग्रसर कर दिया है।

ये रखीं प्रमुख मांग
कोयला उद्योग में कमर्शियल माइनिंग को वापस लिया जाए। कोल इंडिया के सभी अनुशंगी कम्पनियों को मिलाकर कैल इंडिया की एक कम्पनी बनाई जाए। एनसीडब्ल्यू के प्रावधान 9:3:0 तथा 9:4:0 को लागू किया जाए। सभी मजदूरों की लाॅकडाउन अवधी तक की मजदूरी सुनिश्चित करें। डिफेंस में एफडीआई का फैसला वापस लिया जाए। स्वीकृत पदों को समाप्त करने का फैसला वापस लिया जाए। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और सीपीएसई में महंगाई भत्ता और पेंशनरों पर महंगाई में रोक वापस लिया जाए। देश के पब्लिक सेक्टरों को मजबूती प्रदान की जाए।



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Trade union's performance against workers' exploitative policy


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