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गीता को महाराष्ट्र के परभणी भेजा, वहां के दंपती ने बेटी होने का दावा किया है

पाकिस्तान से आई मूक बधिर गीता जल्द ही महाराष्ट्र को अपना घर बना सकती है। उसे रविवार सुबह अस्थायी रूप से परभणी भेजा गया है। गीता वहां एक संस्थान में आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण लेगी। गीता के पुनर्वास में मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है। गौरतलब है कि गीता को 26 अक्टूबर 2015 को इंदौर लाया गया था। पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की पहल पर उसे पाकिस्तान से भारत लाया गया था। गीता को इंदौर के मूक-बधिर संगठन में अस्थायी आश्रय दिया था। गीता के माता-पिता मिलने तक उसे यहीं रहना था। 20 जुलाई को जिला प्रशासन ने गीता को इंदौर की ही दूसरी संस्था आनंद सर्विस सोसायटी को सौंपा था।

आनंद सर्विस सोसायटी के ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया, परभणी के वाघमारे परिवार ने उसे अपनी बेटी होने का दावा किया है। उन्होंने उसके गुमने को लेकर जो तथ्य बताए हैं, वे काफी मिलते जुलते हैं, इसलिए जल्द ही परिवार और गीता का डीएनए मिलाया जाएगा। फिलहाल उसे वहीं आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जाएगी। इसमें परभणी के पहल फाउंडेशन ने उसकी मदद करने की सहमति जताई है।

पुनर्वास में टाटा इंस्टिट्यूट करेगा मदद
आनंद सर्विस सोसायटी की मोनिका पुरोहित ने बताया, गीता को विश्व स्वास्थ्य संगठन की कम्युनिटी बेस्ड रिहैबिलिटेशन तकनीक से पुनर्वासित किया जा रहा है। इसमें दिव्यांगों को धीरे-धीरे अपनी कम्युनिटी के नए लोगों के साथ मिलाया जाता है। मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस, समाज कार्य विभाग की प्रमुख डॉ. वैशाली कोल्हे की भी मदद ली जा रही है। गीता को रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3040 के मंडलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह नारंग के साथ अन्य सदस्यों ने विदा किया।



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पुनर्वास में टाटा इंस्टिट्यूट करेगा मदद


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इंश्योरेंस कंपनी की दलील- लापरवाही से गाड़ी चलाई, कोर्ट ने खारिज कर 95 लाख देने के आदेश दिए

ड्यूटी पर जा रहे एक पुलिसकर्मी की दुर्घटना में मौत के बाद परिवार लाचार हो गया। परिवार में वह कमाई का इकलौता जरिया था। गुजर-बसर के लिए परिजन ने जिला एवं सत्र न्यायालय ने मुआवजा दिए जाने के लिए परिवाद दायर किया। कोर्ट ने बीमा कंपनी को आदेश दिए कि वह 95 लाख का भुगतान करे। परिजन के अधिवक्ता राजेश खंडेलवाल के मुताबिक पुलिसकर्मी जितेंद्र सेन का 12-13 अगस्त 2018 की दरमियानी रात को एक्सीडेंट हो गया था। वह बाइक से ड्यूटी पर जा रहे थे, तभी उन्हें एक ट्रक ने टक्कर मार दी और मौके पर ही मौत हो गई।

बीमा कंपनी ने परिवाद पर जवाब दिया कि कंपनी की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। जितेंद्र लापरवाही से बाइक चला रहे थे। उन्हें ट्रक आता दिख रहा था। फिर भी बाइक की गति कम नहीं की, ना ही संभलने की कोशिश की। परिजन ने बाइक की बीमा कंपनी को भी पक्षकार नहीं बनाया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद परिजन के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि कुल राशि का 40% पत्नी वीणा, 20% बेटे और 30% बेटी को, जितेंद्र के माता-पिता को 5-5% राशि दी जाए।



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प्रतीकात्मक फोटो


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नए साल के दूसरे रविवार मांडू में बढ़े पर्यटक; 20 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे

नववर्ष के दूसरे रविवार मांडू का पर्यटन फिर से लौटता दिखा। पहले रविवार की तुलना में दूसरे रविवार काे पर्यटकों का आंकड़ा बड़ा। 20 हजार से ज्यादा पर्यटकाें ने स्मारकाें का भ्रमण किया। एक दिन पूर्व हुई बारिश के बाद से काेहरा छाने के साथ प्राकृतिक साैंदर्य भी खिल उठा। सुबह काकड़ा खो से शुरू हुई आवाजाही शाम तक रही।

दोपहर में तो ऐसा लगा मानो मांडू में पर्यटकों का मेला लगा हाे। इंदाैर के नवदंपती ने जहाज महल परिसर में घूमकर सेल्फी ली। बच्चे जहाज महल परिसर में लगी प्राचीन तोपों पर मस्ती करते नजर आए।



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दोपहर में तो ऐसा लगा मानो मांडू में पर्यटकों का मेला लगा हाे


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बाघों के बाद अब पहली बार शावक संग कैमरे में कैद तेंदुआ मां

प्रदेश को तेंदुआ स्टेट का दर्जा मिलने के बाद भोपाल के जंगल से भी खुशखबरी आई है। यहां पर बाघ के बाद पहली बार तेंदुआ मां अपने शावक के साथ दिखी है। यहां पर अभी तक तेंदुए अपनी उपस्थिति तो दर्ज कराते रहे हैं, लेकिन कभी भी ई-सर्विलांस और ट्रैप कैमरों में कैप्चर नहीं हुए थे।

भोपाल से 10 किमी दूर गोल बीट में एक मादा तेंदुआ अपने शावक के साथ ट्रैप कैमरे में कैप्चर हुई है। कलियासोत और केरवा के आसपास अभी तक बाघों व शावकों का दबदबा रहा है। अब यहां पर तेंदुओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करना शुरू कर दी है।

वन अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए को कैमरे में कैप्चर करना बहुत मुश्किल है। वह भी ऐसे जंगल में जहां पर वन कर्मचारियों तक का जाना प्रतिबंधित है। वन अधिकारियों का कहना है कि पहली बार मादा तेंदुआ और एक शावक ट्रैप कैमरे में कैप्चर हुआ है। यहां पर अत्याधुनिक ई-सर्विलांस लगा है। वहीं रातापानी में तकरीबन 250 कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन अभी तक तेंदुआ व शावक एक साथ कैमरे में कैद नहीं हुए हैं।

शिकार के चक्कर में कई बार शहर के अंदर तक आ जाते हैं तेंदुए

अधिकारियों का कहना है कि भोपाल और उसके आसपास तकरीबन 70 तेंदुओं का मूवमेंट है। ये तेंदुए शिकार के चक्कर में कई बार शहर के अंदर तक आ जाते हैं। 2019 में तो स्वर्ण जयंती पार्क, त्रिलंगा तक तेंदुआ पहुंच गया था। ऐसे ही बोट क्लब, मानव संग्रहालय तक भी तेंदुआ पहुंच चुका है।

शावक पार नहीं कर पाए फेंसिंग बाघिन की दहाड़ से थर्राया इलाका

हाल ही में कलियासोत डैम के पास घूम रही बाघिन अब बड़े हो रहे शावकों को चेनलिंक फेंसिंग पार करना सिखा रही है। वन अधिकारियों ने बताया कि फेंसिंग को बाघिन ने तो पार कर लिया था, लेकिन बच्चे नहीं कर पाए। इसके बाद तो बाघिन ने दहाड़ना शुरू किया तो पूरा इलाका थर्रा गया था।



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शावक और तेंदुआ मां की तस्वीर


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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की होगी बजट में झलक, विभागों से 24 तक मांगे सुझाव

प्रदेश के वर्ष 2021-22 के बजट में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की झलक होगी। वित्त विभाग ने इसे लेकर 24 जनवरी तक विभागों से सुझाव मांगे हैं। इसमें उन्हें सालभर में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में किए जाने वाले कामों में आने वाले खर्च की जानकारी देना है।

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुधर रही है। आत्मनिर्भर थीम पर शुरू होने वाली किसी भी योजना में पैसे की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस साल के बजट प्रावधानों में 10 से 12% तक वृद्धि होने के आसार हैं। यानी बजट में 2 लाख 25 हजार करोड़ का बजट होगा।

चालू वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 के बजट में 2019-2020 की तुलना में करीब 28 हजार करोड़ की कमी आई थी। बजट में सिर्फ सड़कों की मरम्मत के लिए राशि दी गई थी। नई सड़कों के विकास नहीं हो पाए थे। वर्ष 2021-2022 के आगामी बजट में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम जनपद और जिला स्तर पर दीनदयाल समितियां गठित किए जाने का खाका तैयार किया जा रहा है।

साथ ही महिला सशक्तिकरण को स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री को प्रोत्साहन देते हुए बढ़ावा दिया जाएगा। ये काम महिला स्वसहायता समूहों को सौंपे जाएंगे। इसके लिए हर एक क्षेत्र में आधुनिक टेक्नलॉजी का हर क्षेत्र में व्यापक उपयोग किया जाएगा। कृषि विभाग के द्वारा खेती में आधुनिक ढंग से उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाकर खेती को लाभ का धंधा बनाया जाने की दिशा में योजना पर काम किया जा रहा है।



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फाइल फोटो


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सभी मैरिज गार्डनों को तीन महीने में नए सिरे से कराना होगा रजिस्ट्रेशन

मैरिज गार्डन संचालकों को अब अगले तीन महीने में नए सिरे से अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उन्हें अपने कुल एरिया का कम से कम 25 फीसदी पार्किंग के लिए आरक्षित रखना होगा। जिस स्थान पर 50 लोग से ज्यादा इकट्‌ठा होकर कोई समारोह कर सकते हैं, उसे मैरिज गार्डन की श्रेणी में रखा जाएगा। कॉलोनियों के बीच स्थित सार्वजनिक पार्क में कोई भी शादी या समारोह आयोजित नहीं किया जा सकेगा।

यह प्रावधान मैरिज गार्डन के लिए बने नए नियमों में किए गए हैं।नगरीय प्रशासन ने पूरे प्रदेश में यह नियम लागू कर दिए हैं। अभी तक विभाग ने इसके लिए अलग से कोई नियम नहीं बनाए थे। उज्जैन नगर निगम ने अपने स्तर पर इसके नियम बना रखे थे।

मैरिज गार्डनों के लिए नियम का मामला हाईकोर्ट में भी गया था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नगरीय प्रशासन ने उज्जैन के ही नियम प्रदेश में लागू कर रखे थे। अब इसमें सुधार कर उन्हें लागू किया है। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिन मैरिज गार्डनों ने अगले 3 महीने में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो निकाय उन्हें अवैध घोषित कर हटा देगा और अदालती कार्यवाही भी करेगा।

क्षेत्रफल के अनुसार एक हजार से साढ़े 12 हजार रुपए तक देना होगा पंजीयन शुल्क

मैरिज गार्डन को निकाय में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसमें पार्किंग, साफ-सफाई, सुरक्षा, अग्निशमन, क्षमता आदि की जानकारी देना होगी। निकाय व क्षेत्रफल के अनुसार उन्हें एक हजार से साढ़े 12 हजार रुपए तक पंजीयन शुल्क देना होगा। इसके साथ ही हर साल 750 से 10 हजार रुपए उपभोक्ता शुल्क भी भरना पड़ेगा। हर तीन साल में रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराना होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगेगा।

स्कूल-कॉलेज, अस्पताल से 100 मीटर की दूरी पर होना चाहिए मैरिज गार्डन

मैरिज गार्डन के आसपास कोई स्कूल-कॉलेज या अस्पताल नहीं होना चाहिए। इसके लिए 100 मीटर की दूरी तय की गई है। गार्डन में रात 10 से सुबह 8 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं होगा। विकास समिति, गृह निर्माण समिति आदि द्वारा सार्वजनिक पार्क स्थान के लिए चिह्नित स्थानों का उपयोग शादी समारोह के लिए नहीं हो सकेगा। इसके लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।

किसे मानेंगे मैरिज गार्डन

निकाय सीमा में 50 लोगों से ज्यादा एकत्रित होने की क्षमता रखने वाले स्थानों को मैरिज गार्डन की श्रेणी में रखा गया है। इसमें होटल, प्लॉट, फार्म, सामुदायिक केंद्र, भवन, क्लब, बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला आदि शामिल हैं, जिनका उपयोग शादी, सगाई, जन्मदिन, उत्सव, प्रदर्शनी, कन्वेंशन, गरबा, नववर्ष आदि समारोह के लिए किया जाता है।



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नगरीय प्रशासन ने नियमों में सुधार कर अधिसूचना की जारी


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वैक्सीन लगवाने वाले दो वॉलेंटियर्स पाॅजिटिव, पीपुल्स ने दूसरे डाेज की लिस्ट से नाम हटाया

भारत बायाेटेक की काेवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकनल ट्रायल में पीपुल्स मेडिकल काॅलेज में ट्रायल वैक्सीन का पहला डाेज लगवाने वाले 2 वॉलेंटियर्स की रिपाेर्ट काेविड पाॅजिटिव आई है।

इसके चलते इन वॉलेंटियर्स के नाम काॅलेज प्रबंधन ने वैक्सीन का दूसरा डाेज लगवाने वाले वॉलेंटियर्स की लिस्ट से हटा दिए हैं। संबंधित वॉलेंटियर्स, ट्रायल वैक्सीन का पहला डाेज लगाने के ठीक पहले लिए गए सैंपल का आरटीपीसीआर तकनीक से हुए काेविड टेस्ट में पाॅजिटिव निकले हैं। इसकी पुष्टि पीपुल्स मेडिकल काॅलेज के एक सीनियर डाॅक्टर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर की है।

ट्रायल गाइडलाइन का उल्लंघन करने का आराेप

रविवार काे गैस पीड़िताें के संगठन भाेपाल ग्रुप फाॅर इनफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढीगरा ने वॉलेंटियर्स के साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्हाेंने पीपुल्स मेडिकल काॅलेज प्रबंधन पर ट्रायल गाइडलाइन का उल्लंघन करने का आराेप लगाया है। काॅलेज डीन डाॅ. अनिल दीक्षित ने सभी आरोपों को खारिज किया है।

आमने-सामने: जबरन किसी को नहीं किया ट्रायल में शामिल

ट्रायल का तरीका गलत, सही जानकारी नहीं दी

वैक्सीन ट्रायल का तरीका गलत है। लोगों को न तो सही जानकारी दी है और न ही उसके प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताया जा रहा है। इसी कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई और अस्पताल प्रबंधन ने सुध भी नहीं ली। एक ही क्षेत्र के गरीब लोगों को ट्रायल में शामिल कर लिया।

-रचना ढींगरा, सदस्य-भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन

हर व्यक्ति की ट्रायल से पहले काउंसलिंग की गई

हर व्यक्ति की ट्रायल में शामिल होने के पहले काउंसलिंग की गई थी। जबरन किसी को शामिल नहीं किया। 1700 से ज्यादा लोग शामिल हुए। जिन्हें तकलीफ हुई, उनका फाॅलोअप भी किया और आगे भी किया जाएगा। लोग घबराएं नहीं। वैक्सीन से किसी की मौत नहीं हुई है।

-डॉ अनिल दीक्षित, डीन, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल

टीम ने बुलाया, बाहर की दवा लिखकर घर भेज दिया

ट्रायल वैक्सीन लगवाने वाले छाेटू दास ने बताया कि टीका लगने के 3 दिन बाद क्लीनिकल ट्रायल टीम के एक सदस्य ने जांच रिपाेर्ट काेविड पाॅजिटिव हाेना बताया। साथ ही इलाज के लिए अस्पताल बुलवाया, जहां पर्चे पर अस्पताल के बाहर प्राइवेट स्टाेर्स पर मिलने वाली दवाएं लिखकर घर भेज दिया।

जबकि ट्रायल गाइडलाइन के अनुसार जांच से लेकर इलाज तक का जिम्मा काॅलेज प्रबंधन का था। बकाैल छाेटू दास, अस्पताल प्रबंधन ने सेहत दुरूस्त हाेने पर बुलावाया और वीडियाे बनाने की काेशिश की। प्रबंधन चाहता था कि वह जांच, इलाज व जरूरी दवाएं मुहैया कराए जाने का बयान दे।



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प्रतिकात्मक फोटो


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3 हजार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले की जांच में जुटे ईडी का अब भोपाल में होगा ऑफिस

प्रदेश में तीन हजार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले की जांच तेज करने के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सक्रियता बढ़ गई है। ईडी तीन से चार ब्लैक मनी और मनी लान्ड्रिंग की अलग-अलग शिकायतों की प्रारंभिक जांच शुरू करने के बाद भोपाल में अपना उप कार्यालय खोलने की तैयारी में है। अभी ईडी अफसरों की टीम इंदौर से जांच के लिए पहुंचती है, लेकिन भोपाल में दफ्तर होने से कुछ क्षेत्रीय अफसर यहीं बैठ पाएंगे। इससे ईडी को नियमित कामकाज में आने वाली अड़चनें भी दूर हो जाएगी।

प्रदेश में अभी एकमात्र इंदौर में ईडी का क्षेत्रीय उप कार्यालय है। ई-टेंडर घोटाले के अलावा ईडी मनी लान्ड्रिंग और बेनामी संपत्ति को लेकर एक आईएएस और आईपीएस के खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद प्रारंभिक जांच में जुटी हुई है। ईडी अफसरों को भोपाल में मैदानी काम करना पड़ रहा है, जिसके चलते यहां उप कार्यालय खोलने के लिए फैसला लिया गया है।

ईडी अफसर अपने स्तर पर दो से तीन स्थानों पर उप कार्यालय के लिए जगह देख चुके है। इसके बाद गृह विभाग से कार्यालय के लिए संपर्क किया गया है। ईडी एमपी नगर और होशंगाबाद रोड पर किसी स्थान पर कार्यालय खोलना चाहती है। सीबीआई को व्यापमं घोटाले की जांच करने के दौरान राज्य शासन ने भोपाल में दो कार्यालय की जगह उपलब्ध कराई थी।



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सांकेतिक फोटो


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अब जिले में ही होगी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच

माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं व 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच जिलास्तर पर ही होगी। उत्तर पुस्तिकाएं जंचने अन्य जिले में नहीं जाएगी। यही नहीं, जिस विषय का प्रश्नपत्र होगा उसके दूसरे ही दिन से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी शुरू हो जाएगा।
ऐसे में परीक्षा परिणाम भी जल्दी आएगा। अब बोर्ड परीक्षा में कम नंबर आने पर विद्यार्थी उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन भी करा सकेंगे। अभी तक केवल पुनर्गणना के लिए ही आवेदन किया जाता था। पुनर्मूल्यांकन के लिए परीक्षार्थियों को अधिकतम 100 रु का शुल्क चुकाना होगा।



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अपनी जाति छुपाकर पहचान और फिर दुष्कर्म, मामला दर्ज

नीलकंठ निवासी महिला से करीब एक साल से पहचान कर आरोपी शादी का झांसा देकर दुष्कर्म कर रहा था। महिला को उसकी जाति का पता चलने पर उसने जान से मारने की धमकी दी। महिला ने थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने बलात्कार और जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज कर लिया है। नीलकंठ निवासी 39 वर्षीय विधवा महिला की पहचान एक साल पहले सुकरवास निवासी वहीद से हुई थी। वहीद ने शादी का झांसा देकर पिछले एक साल तक दुष्कर्म किया। वह महिला हो अपने घर सुकरवास भी लेकर गया। । 25 दिसंबर को वहीद नीलकंठ महिला के घर गया। तब उसके कागजात के अनुसार वह पिंजारा मुसलमान निकला। महिला ने विरोध किया तो वहीद ने उसे किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। डरी सहमी महिला ने कुछ दिन बाद पड़ोसी महिला को बताया।



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मिला मुआवजा, वह भी केसीसी के बकाया में जमा

खरीफ फसल खराब होने के कारण किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार ने आर्थिक मदद देते हुए मुआवजा राशि व किसान सम्मान निधि और पिछले साल का बीमा क्लेम दिया है। खरीफ फसल खराब होने से किसान केसीसी जमा नहीं कर पाए थे। इससे वे डिफाल्टर हो गए हैं। अब उक्त राशि उनके इसी डिफाल्टर खातों में आई है। इस राशि को जब किसान बैंकों में निकालने पहुंचे तो यह राशि केसीसी में समायोजित कर ली गई। जबकि अभी किसानों को पैसों की जरूरत है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र में कई किसानों का खाता है। किसानों का कहना है कि कोरोना संक्रमण व सोयाबीन फसल खराब होने से किसान क्रेडिट कार्ड का ऋण जमा नहीं कर पाए। वहीं कई किसानों के बैंकों में चालू खाते थे। जिनमें पेंशन, किसान सम्मान निधि आती है। यह राशि बैंकों में ऑटोमेटिक केसीसी ऋण में समायोजित कर काट दी जाती है। ग्राम भाऊखेड़ी शाखा बैंक ऑफ महाराष्ट्र में जिन किसानों के एनपीए खातों में किसानों ने क्रेडिट कार्ड की राशि जमा नहीं की थी, उन किसानों के चालू खाते लॉक कर दिए गए हैं।
भाऊखेड़ी बैंक शाखा ने बैंक खाते कर दिए बंद : बैंक ऑफ महाराष्ट्रा में पहुंचे किसान देवसिंह, सजन सिंह, भागवत सिंह, किशोर आदि ने बताया कि चालू बैंक खातों को बंद कर दिया गया है। जिनमें किसान सम्मान निधि की राशि आती है।
वहीं पेंशन, गैस सब्सिडी का पैसा भी उन्हीं खातों में जमा होता है। उन खातों को बैंक ने लॉक कर दिया है। साथ ही इन खातों में केसीसी बकाया होने पर उक्त राशि को काटी जा रही है। इससे क्षेत्र के करीब 2 दर्जन गांव के किसानों को काफी परेशानी हो रही है।

जिन किसानों के खाते एनपीए हैं उन्हें किया लॉक
^बैंक में जिन किसानों के खाते एनपीए हैं। उनके खाते लॉक कर दिए जाते हैं। चाहे उक्त खातों में किसान सम्मान निध, पेंशन, वृद्धा पेंशन आती हो या फिर अन्य राशि। यह खातेदार को केसीसी ऋण जमा करने के बाद ही दी जाती है।
-दीपा गुप्ता, शाखा प्रबंधक बैंक ऑफ महाराष्ट्र



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समय सीमा 4 महीने, 1 माह यूं ही निकला पर भोपाल नाका से कोतवाली चौराहा तक डामरीकरण शुरू नहीं

शहर का सबसे व्यस्ततम मार्ग कहा जाने वाला कोतवाली चौराहा से भोपाल नाका तक की सड़क की न तो मरम्म्त हो पा रही है और न ही सौंदर्यीकरण। हर बार किसी न किसी पेंच से काम रुक जाता है। एक बार फिर से नगर पालिका ने कोतवाली चौराहा से भोपाल नाका तक की सड़क के डामरीकरण के टेंडर निकाले थे। टेंडर खुलने के बाद स्वीकृत होकर संबंधित निर्माण एजेंसी को वर्क ऑर्डर भी दे दिया गया लेकिन एक महीने बीतने के बाद भी इस रोड पर डामरीकरण की शुरुआत भी नहीं हुई।
काम पूरा करने के लिए 4 महीने : नपा की लोक निर्माण शाखा ने एक स्थानीय ठेकेदार को इस डामरीकरण का वर्क ऑर्डर जारी किया था। जिसमें काम पूरा करने की अवधि 4 महीने बताई गई है। इसके लिए टेंडर 23 अक्टूबर 2020 को स्वीकृत हुए थे और एग्रीमेंट 10 दिसंबर को हुआ था। अब तक डामरीकरण की शुरुआत नहीं हुई।

काम शुरू कराया जाएगा
^नागरिकों की सहूलियत के लिए कोतवाली चौराहा से भोपाल नाका तक की रोड के डामरीकरण के लिए टेंडर स्वीकृत कर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है। सीएमओ से भी जल्द काम शुरु करवाने को कहा गया है। काम शुरु क्यों नहीं हुआ है इस संबंध में अधिकारियों और निर्माण एजेंसी से चर्चा कर जल्द काम शुरु करवाया जाएगा।
-अमीता अरोरा, अध्यक्ष नपा सीहोर



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मोबाइल पर काॅल कर बताएंगे कि किस छात्र को कब आना है कॉलेज

जिले के सबसे बड़े कॉलेज शास. चंद्रशेखर आजाद स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कक्षाओं की तैयारियां पूरी हो गई हैं। कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई कर रहे करीब 6 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं में से प्रत्येक दिन 50 फीसदी ही छात्रों को बुलाया जाएगा। इसकी सूचना विद्यार्थियों को मोबाइल पर भेजी जाएगी कि किस दिन किन विद्यार्थियों को कॉलेज आना है।
शासन के निर्देशानुसार 50-50 प्रतिशत छात्रों को कक्षाओं में शामिल करके सोमवार को कक्षाएं शुरू होना हैं।
कोरोना की गाइड लाइन का पालन कराने समितियां गठित
कॉलेज आने वाले सभी विद्यार्थियों को साेशल डिस्टेंसिंग व काेविड-19 की गाइड लाइन का पालन करना जरूरी है। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने समितियां भी गठित की हैं। ये समितियां छात्रों को जागरूक करेंगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएगी। आर्ट, कामर्स व साइंस संकाय के लिए अलग-अलग टीमें होंगी। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आशा गुप्ता ने बताया कि कॉलेज में कक्षाएं नियमित रूप से लगाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।



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स्टेशन पर 100 फीट ऊंचा तिरंगा लहराएगा, रिमोट से होगा ऑपरेट

शहर के रेलवे स्टेशन पर अब पूरे समय जिले का सबसे ऊंचा राष्ट्रध्वज तिरंगा लहराएगा। 12 जनवरी मंगलवार को स्मारकीय ध्वज का लोकार्पण सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर करेंगी। तिरंगे के चारों ओर 24 घंटे प्रकाश की व्यवस्था की गई है। प्रकाश के लिए तिरंगे के दोनों ओर 30-30 फीट पर दो फोकस लाइट लगाई जा रही है। रविवार को आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस की उपस्थिति में सम्मानपूर्वक ध्वज फहराने की रिहर्सल की गई, ताकि मंगलवार को स्मारकीय ध्वज को ऊपर चढ़ाने में कोई परेशानी न हो।
4 मिनट में ऊपर लहराने लगेगा : स्मारकीय ध्वज को ऊपर चढ़ाने के लिए रिमोट के माध्यम से ऑपरेट किया जाता है। रविवार को ध्वज को ऊपर तक पहुंचने में कुल 4 मिनट का समय लगा।



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The 100-feet-high tricolor will be hoisted at the station, will operate from remote


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श्रीशंखेश्वर मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ के जन्मकल्याणक पर सजाया फूल बंगला

तुकाेगंज राेड स्थित श्रीशंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में पाैष दशमी के उपलक्ष्य में 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान के जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया गया।

मंदिर परिसर काे आकर्षक मनोहरी फूल बंगला सजाकर पुष्प महापूजा की गई। प्रभु का विशेष शृंगार कर अंगरचना की गई। दिनभर धार्मिक अनुष्ठान हुए।भक्ति व गीत-संगीत हुआ। बच्चों और महिलाओं ने नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी।

प्रवक्ता विजय जैन ने बताया प्रभु के जन्म कल्याणक अवसर पर प्राकृतिक फूलों से
रंग-बिरंगा फूल बंगला सजाया गया। प्रात: प्रभु के जन्माभिषेक के साथ सामूहिक स्नात्र महोत्सव संपन्न हुआ इसके बाद पार्श्वनाथ पंचकल्याणक पूजन हुई। संस्था देवभोग के माध्यम से मिष्ठान्न प्रभु प्रसादी बांटी गई।



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वैक्सीनेशन की तैयारी में जुटा स्वास्थ्य अमला

पल्स पाेलियाे और दस्तक अभियान काे आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। स्वास्थ्य अमला काेविड वैक्सीनेशन की तैयारी में जुटा हुआ है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एमपी शर्मा ने बताया कि प्रस्तावित स्वास्थ्य कार्यक्रम दस्तक अभियान 11 जनवरी एवं पल्स पोलियो अभियान को 17 जनवरी 2021 से प्रारंभ किया जाना था। राज्य शासन से प्राप्त निर्देशानुसार इन दोनों कार्यक्रमों को आगामी आदेश तक रोका गया है। प्रस्तावित कार्यक्रम दस्तक अभियान एवं पल्स पोलियो अभियान आगामी दिनों में राज्य शासन से निर्देश प्राप्त होने पर प्रारंभ किया जाएगा जिसकी सूचना पृथक से दी जाएगी।

जिले में कोविड-19 से बचाव एवं नियंत्रण के लिए कोरोना वैक्सीन टीकाकरण के लिए शासन की गाइडलाइन अनुसार वृहद अभियान चलाया जाएगा। इस हेतु निरन्तर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की तैयारी चल रही है। सीएमएचओ ने बताया वैक्सिनेशन के लिए टीकाकरण स्थल पर किस तरह के इंतजाम करने होंगे आदि पर जिला स्तरीय ब्लाॅक स्तरीय अधिकारियों और वैक्सीनेशन ऑफिसर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।



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15 दिन में दूसरी बार मावठा; नहर के पानी, बिजली कटौती केे झंझट से छुटकारा, फसल की ग्रोथ अच्छी

शनिवार सुबह से ही घने बादलों के साथ शुरु हुआ रिमझिम बारिश का दौर देर रात तक चलता रहा। ऐसे में रविवार को सुबह के समय घना कोहरा था। स्थिति यह थी कि 20 मीटर दूर का भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था। सुबह 11 बजे तक कोहरे का असर बना रहा। ऐसे में अधिकतम तापमान 21.4 और न्यूनतम तापमान 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पिछले 15 दिनों में दूसरी बार मावठा गिरा है। यह मावठा गेहूं की फसल के लिए अमृत साबित होगा। कृषि मौसम विशेषज्ञ के अनुसार यदि गेहूं की फसल में 20 से 25 किलो यूरिया प्रति एकड़ में डालें तो उत्पादन और अच्छा होगा। रिमझिम बारिश रबी सीजन के लिहाज से किसानों और सिंचाई विभागों को दोनों को ही बचत वाली होगी। जिले में करीब 50 प्रतिशत रकबे में किसानों को पलेवा के लिए पानी की नहरों से जरूरत ही नहीं पड़ेगी। यही नहीं लाइट की कटौती के चलते डीजल पंप से सिंचाई करने वाले किसानों को सबसे ज्यादा राहत मिली है। सिंचाई के लिए इन किसानों को 1200 से 1500 रुपए खर्च करना होते थे। लेकिन मावठे से अब उन्हें राहत मिली है।
तालाबों में पर्याप्त भंडारण के कारण जहां जरूरत है वहां पलेवा के साथ सिंचाई के लिए पर्याप्त 3 पानी नहरों से छोड़ा जाता है। लेकिन पिछले 15 दिनों में दूसरी बार मावठा गिरने से किसानों को सिंचाई के लिए नहरों के पानी की जरूरत नहीं है। जिससे तालाबों में पानी का स्टॉक बचा है।

15 दिन में मौसम के दो रूप
29 दिसंबर सबसे सर्द, 8 जनवरी को सबसे कम ठंड : पिछले 15 दिनों में मौसम के दो अलग-अलग रंग दिखाई दिए हैं। इस दौरान 29 दिसंबर को सबसे ज्यादा ठंड थी। इस दिन अधिकतम तापमान 19.5 और न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जबकि 8 जनवरी को सबसे ज्यादा गर्मी थी। अधिकतम तापमान 28.2 और न्यूनतम तापमान 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। हालांकि बादलों के कारण 9 जनवरी को न्यूनतम तापमान 17.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

चने में इल्ली का डर
मौसम विभाग के अनुसार बारिश की वजह से माैसम में नमी बढ़ गई है। जिससे फसलों में कीट का प्रभाव बढ़ने की संभावना है। इसमें चने में इल्ली पड़ सकती है। वहीं आलू, लहसुन, पतीता, अमरूद, में काले धब्बे पड़ने की संभावना है। किसान मॉनिटरिंग के साथ फसलों को कीट से बचाते रहें।

इसलिए बदला मौसम
मौसम विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पिछले दिनों दक्षिण-पूर्वी हवा चलने से बादल छाए थे। जिससे ठंड का असर कम हो गया था। अरब सागर ओर बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने व पश्चिमी विक्षोभ (पहाड़ी इलाहों में बर्फबारी) के कारण बारिश की स्थिति बनी है। मौसम सामान्य होने से फसलें जल्दी पकने की संभावना थी। लेकिन बारिश होने से फसलों को फिर नया जीवन मिला है।

सिंचाई के लिए 3 बार छोड़ा जाता है पानी पर इस बार जरूरत नहीं
बता दें कि तालाबों में पर्याप्त भंडारण के कारण जहां जरूरत है वहां पलेवा के साथ सिंचाई के लिए पर्याप्त 3 पानी नहरों से छोड़ा जाता है। लेकिन पिछले 15 दिनों में दूसरी बार मावठा गिरने से किसानों का सिंचाई का खर्चा बचेगा। मौसम विभाग अभी 24 घंटे और ऐसा ही मौसम बना रहने की संभावना जता रहा है। इस दौरान हल्की बारिश हो सकती है। आरएके कॉलेज स्थित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र के डॉ. सत्येंद्र सिंह तोमर ने बताया कि यह मावठा गेहूं की फसल के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। बता दें कि इस साल जिले में 3 लाख 96 हजार क्षेत्र में रबी सीजन सीजन की बोवनी हुई है।
ऐसे समझें किसानों की बचत
इस साल अभी गेहूं की फसल 35 से 40 दिन की हुई है। ऐसे में दो बार मावठा गिर चुका है। 1 एकड़ खेत की सिंचाई के लिए किसान को करीब 1200 से 1500 रुपए खर्च करना होते थे। लेकिन मावठे ने सिंचाई का खर्चा बचा लिया। मावठे की बारिश से फसलों की ग्रोथ अच्छी होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा। वहीं बारिश के कारण लागत में कमी आयी है।
अब आगे क्या
अगले 24 घंटे और मौसम ऐसा ही रहेगा, लेकिन इसके बाद तेजी से तापमान में गिरावट का दौर आएगा। मौसम विभाग के अनुसार रात के न्यूनतम तापमान में 5 डिग्री तक की सीधे गिरावट हो सकती है।



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Mavatha for the second time in 15 days; Canal water, relieve the mess of power cuts, good crop growth


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भिलाखेड़ा में केएन डवलपर्स एवं बिल्डकाॅन की खदान पर मिली अनियमितताएं, क्रेशर सील

भिलाखेड़ा में मेसर्स केएन डवलपर्स एवं बिल्डकॉन प्रालि की खदान पर खनिज विभाग द्वारा जांच की गई है। जांच के दाैरान अनियमितताएं पाई गईं, यहां स्थित केसर मशीन काे प्रशासन ने सील कर दिया है। मुरम का बिना रायल्टी परिवहन कर रहे तीन डम्पर भी जब्त किए गए हैं।

खनिज अधिकारी देवास आरिफ खान ने बताया कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला के मार्गदर्शन में देवास जिले में खनिज विभाग द्वारा दल बनाकर खदानों का निरीक्षण कर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में देवास तहसील के ग्राम भिलाखेड़ा में सर्वे क्रं. 82 के रकबा 4.900 हेक्टेयर में मेसर्स केएन डवलपर्स एवं बिल्डकॉन प्रालि की खदान पर जांच की गई।

खनिज निरीक्षक रमेश सोलंकी एवं खनिज सर्वेयर तनवी आप्टे द्वारा की गई इस जांच में यह बात सामने आई है कि खदान वर्ष 2017 से 2027 तक की अवधि के लिये स्वीकृत है। जांच मे पाया गया की कंपनी द्वारा खदान का वर्ष 2020 का डेड रेंट जमा नहीं किया गया है। सीटीओ की अवधि भी समाप्त हो चुकी है। खदान क्षेत्र में क्षेत्रफल सीमा चिह्न एवं बोर्ड भी नहीं पाए गए। खनिज विभाग के दल द्वारा खदान पर स्थापित क्रेशर को सील किया गया।

पट्टे काे लैप्स करने की कार्रवाई : इसी प्रकार मेसर्स केएन डवलपर्स एण्ड बिल्डकॉन प्रालि का स्वीकृत एक अन्य उत्खनन पट्टे में अनुबंध निष्पादन नहीं कराए जाने से उस पट्टे को लैप्स किए जाने कि कार्रवाई की जा रही हैं। उधर, अवैध परिवहन की जांच के दौरान इंदौर-भोपाल बायपास रोड पर मुरम खनिज का बिना रायल्टी परिवहन करते हुए तीन डंपर भी जब्त किए गए। खनिज अधिकारी देवास ने बताया कि इस प्रकार की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।



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क्रेशर मशीन काे प्रशासन ने सील कर दिया है


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5 दिन में 6 हजार स्वास्थ्य कर्मचारियों को लगेगा टीका

कोरोना संक्रमण के बीच अच्छी खबर है कि टीकाकरण को लेकर चल रही अटकलें अब खत्म हो गई हैं। प्रधानमंत्री द्वारा टीकाकरण की शुरुआत की तारीख घोषित करते ही स्वास्थ्य विभाग ने अब तेजी से माइक्रो प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया। ड्राय रन के बाद अब स्थानीय अमला यह तय करने में जुट गया कि जिले में कितने सेंटर बनाए जाना हैं और उन पर कितने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके साथ ही करीब 6 हजार स्वास्थ्य कर्मचारियों को शुरू के पांच दिनों में ही वैक्सीन लगाने की प्लानिंग की जाएगी।

जिले को वैक्सीन के कितने डोज मिलेंगे, तय नहीं
सरकारी अस्पतालों के अलावा जिन निजी संस्थाओं व स्थानों पर भी वैक्सीनेशन के सेंटर बनाए जाएंगे, वहां पर्याप्त जगह है या नहीं इसका ध्यान दिया जा रहा है। ये भी देखा जा रहा है कि संबंधित स्थान तक पहुंचने का आवागमन का रास्ता सुगम है या नहीं। ताकि वाहन आसानी से आ-जा सकें और वैक्सीन लगने के बाद आब्जर्वेशन में लोगों को रखा जा सके। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुई है कि पहले चरण में सीहोर जिले को वैक्सीन के कितने डोज मिलेंगे।

250 कर्मचारियों को वैक्सीनेशन की दी जा चुकी है ट्रेनिंग
कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए जिले में करीब 250 से अधिक स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अलग-अलग जगह वैक्सीन लगाने के लिए इन्हें ही तैनात किया जाएगा।

53 आईएलआर और 23 कोल्ड चेन में रहेगी कोरोना की वैक्सीन
वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए जिले में 53 आईएलआर (डी-फ्रीजर) रहेंगे। जिनमें कोरोना वैक्सीन को रखा जाएगा। ये पूरी वैक्सीन कोल्ड चेन में रखी जाएगी। जिले में कोल्ड चेन की संख्या 23 है। सीएमएचओ कार्यालय के पास बने भवन में वैक्सीन को रखा जाएगा।

तय कर रहे कि जिले में कितने सेंटर बनाए जाएं
जिला अस्पताल सहित आष्टा व नसरुल्लागंज में वैक्सीनेशन के ड्राय रन के बाद अब असल टीकाकरण के लिए माइक्रो प्लानिंग पर काम शुरू हो गया है। तय किया जा रहा है कि जिले में कितने सेंटर बनाए जाएंगे और इनमें कितने अमले की ड्यूटी लगेगी आदि। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि वैक्सीनेशन के ड्राय रन ट्रायल में जो थोड़ी-बहुत खामियां सामने आई हैं, अब टीकाकरण में नहीं होना चाहिए। माइक्रो प्लानिंग बनाते वक्त इन कमियों को दूर करते हुए एक-एक बिंदु का चरण व समय-सीमा तय की जा रही है। वैक्सीनेशन के लिए जहां प्रशिक्षित अमले को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। वहीं दस्तावेजों के परीक्षण व कम्प्यूटर से जुड़े कामों के लिए भी ऐसे अनुभवी लोगों को काम पर लगाया जाना तय हुआ है।



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6 thousand health workers will be vaccinated in 5 days


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आंदाेलन करने के बाद छात्राें के खाताें में आई आवास की राशि

पढ़ने वाले विद्यार्थियाें के खाताें में आवास याेजना की राशि नहीं डालने का विराेध लंबे समय से छात्र संगठन ऑल इंडिया डीएसओ के नेतृत्व में किया जा रहा था। अंतत: इस आंदोलन को जीत हो गई है।

केपी कॉलेज इकाई के अध्यक्ष विजय मालवीय ने बताया, छात्र आवास योजना की राशि के लिए आवेदन कर चुके थे, लेकिन नवीन सत्र तो छोड़ दीजिए पिछले सत्र का पैसा भी शासन ने छात्रों के खातों में नहीं डाला था। इसके खिलाफ डीएसओ के साथ मिलकर छात्रों ने आवाज उठाई और अधिकांश छात्रों के खातों में आवास योजना की राशि डल गई है।



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