मिला मुआवजा, वह भी केसीसी के बकाया में जमा

खरीफ फसल खराब होने के कारण किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार ने आर्थिक मदद देते हुए मुआवजा राशि व किसान सम्मान निधि और पिछले साल का बीमा क्लेम दिया है। खरीफ फसल खराब होने से किसान केसीसी जमा नहीं कर पाए थे। इससे वे डिफाल्टर हो गए हैं। अब उक्त राशि उनके इसी डिफाल्टर खातों में आई है। इस राशि को जब किसान बैंकों में निकालने पहुंचे तो यह राशि केसीसी में समायोजित कर ली गई। जबकि अभी किसानों को पैसों की जरूरत है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र में कई किसानों का खाता है। किसानों का कहना है कि कोरोना संक्रमण व सोयाबीन फसल खराब होने से किसान क्रेडिट कार्ड का ऋण जमा नहीं कर पाए। वहीं कई किसानों के बैंकों में चालू खाते थे। जिनमें पेंशन, किसान सम्मान निधि आती है। यह राशि बैंकों में ऑटोमेटिक केसीसी ऋण में समायोजित कर काट दी जाती है। ग्राम भाऊखेड़ी शाखा बैंक ऑफ महाराष्ट्र में जिन किसानों के एनपीए खातों में किसानों ने क्रेडिट कार्ड की राशि जमा नहीं की थी, उन किसानों के चालू खाते लॉक कर दिए गए हैं।
भाऊखेड़ी बैंक शाखा ने बैंक खाते कर दिए बंद : बैंक ऑफ महाराष्ट्रा में पहुंचे किसान देवसिंह, सजन सिंह, भागवत सिंह, किशोर आदि ने बताया कि चालू बैंक खातों को बंद कर दिया गया है। जिनमें किसान सम्मान निधि की राशि आती है।
वहीं पेंशन, गैस सब्सिडी का पैसा भी उन्हीं खातों में जमा होता है। उन खातों को बैंक ने लॉक कर दिया है। साथ ही इन खातों में केसीसी बकाया होने पर उक्त राशि को काटी जा रही है। इससे क्षेत्र के करीब 2 दर्जन गांव के किसानों को काफी परेशानी हो रही है।

जिन किसानों के खाते एनपीए हैं उन्हें किया लॉक
^बैंक में जिन किसानों के खाते एनपीए हैं। उनके खाते लॉक कर दिए जाते हैं। चाहे उक्त खातों में किसान सम्मान निध, पेंशन, वृद्धा पेंशन आती हो या फिर अन्य राशि। यह खातेदार को केसीसी ऋण जमा करने के बाद ही दी जाती है।
-दीपा गुप्ता, शाखा प्रबंधक बैंक ऑफ महाराष्ट्र



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