नर्मदा जीनिंग फैक्ट्री के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने दिया स्टे
नगरपालिका द्वारा पूर्व में 30 साल के लिए नर्मदा जीनिंग फैक्ट्री काे दी गई 6.43 एकड़ जमीन के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने यथा स्थिति रखने के आदेश दिए हैं। इस मामले में 6 सप्ताह बाद नपा काे अपना जवाब देना है। इधर नपा ने गुरुवार काे इस जमीन पर बनी गाेशाला काे खाली कराकर पंचनामा बनाकर सील कर दिया। मालूम हाे इस मामले में आयुक्त नगरीय प्रशासन पी. नरहरि द्वारा 12 मई काे जारी आदेश के आधार पर नपा ने सीमांकन कराकर जमीन अपने कब्जे में ले ली है।
नगर की नर्मदा जीनिंग फैक्ट्री काे 6.43 एकड़ भूमि के लीज संबंधी विवाद पर हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने फैक्ट्री की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह अंतरिम आदेश दिए। फैक्ट्री के पार्टनर गोपाल दास अग्रवाल की ओर से दायर इस याचिका में कहा है कि उक्त जमीन उन्हें वर्ष 1966 में लीज पर दी गई थी। वर्ष 1989 में फिर से लीज का सशर्त नवीनीकरण हुआ। जमीन की लीज अवधि समाप्त होने पर उसका कब्जा लिए जाने को चुनौती देकर यह याचिका दायर की गई।
मामले पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से अधिवक्ता संजय अग्रवाल राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता ए. राजेश्वर राव और नगरपालिका की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रविनंदन सिंह व अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा ने दलीलें पेश की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी कि कब्जा वापस लेने के बाद अब फैक्ट्री में बने मजदूरों के घरों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान वे कहां जाएंगे। सुनवाई के बाद अदालत ने अंतरिम आदेश देकर याचिकाकर्ता और मजदूरों के खिलाफ कोई भी सख्त कार्रवाई न करने और यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए। नपा सीएमओ जीके यादव ने बताया कि इस मामले में यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश हुए हैं। नपा काे 6 सप्ताह में अपना जवाब पेश करना है। जिसकी तैयारी की जा रही है।
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