हितग्राहियों को राशि नहीं मिलने से अधर में मकानों के निर्माण
केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना में हितग्राहियों को लंबे समय से किस्त की राशि नहीं मिली है। इस कारण जिन हितग्राहियों ने नए मकान की उम्मीद में अपने पुराने मकान तोड़ दिए हैं, उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रीष्मकाल बीतने को है और अब वर्षा ऋतु का समय नजदीक आने के कारण हितग्राहियों की अपने घरों की छत को लेकर चिंताएं अब और बढ़ने लगी है। नगर पालिका में करीब 9 महीनाें से योजना में कोई राशि नहीं आई है। जिसे अधिकारी हितग्राहियों को देकर उनका काम पूरा करवा सकें।
लंबे समय से नहीं मिली किस्त
आवास योजना में 407 प्रकरण स्वीकृत हुए थे। इनमें अब तक कुल 275 हितग्राहियों का आवास निर्माण पूरा हुआ है, लेकिन करीब सवा सौ से ज्यादा लोगों को अगस्त 2019 के बाद से योजना में रुपया नहीं मिला है। इस कारण हितग्राहियों की दिक्कतें बढ़ गई है। बोड़खी निवासी राजेश बचले ने बताया अधिकांश लोगों ने जून 2109 से पहले नए मकान बनाने के लिए अपने पुराने मकान तोड़ लिए थे। जून 2019 में पहली किस्त मिली। दूसरी किस्त केवल 40 हजार रुपए की मिली, लेकिन इसके बाद से योजना में रुपया मिलना बंद हो गया। महामारी के दौर में आर्थिक तंगी के कारण अब लगातार दिक्कत बढ़ रही है। आलम ये है कि खुद के रुपयाें से छत की जगह प्लास्टिक डालकर गुजारा कर लेने जैसी नौबत भी नहीं बची है।
निर्माण नहीं करने से रुकी राशि
जानकारी के अनुसार करीब 15 हितग्राही ऐसे हैं, जिनका रुपया नगर पालिका में आ चुका है, लेकिन हितग्राहियों ने मकान का काम पूरा करके प्रगति नहीं बताई है। इस कारण इन हितग्राहियों की 50 हजार रुपए की अंतिम किस्त नगर पालिका के खाते में ही रुकी हुए है। अधिकारियों का कहना है कि यदि ये लोग समय रहते अपने कार्य की प्रगति दिखा देंगे तो उन्हें नपा तुरंत यह राशि दें देगी।
नए आवेदनों का सिलसिला हुआ शुरू
शासन से भले ही हितग्राहियों के खाते में करीब 8 महीने से रुपया नहीं डला है, लेकिन नपा नए हितग्राहियों की तलाश लगातार कर रही है। यानी पात्र हितग्राही अभी भी योजना का लाभ लेने के लिए नपा को आवेदन कर सकते हैं।
अगस्त में दिए थे 40 लाख रुपए
^पिछले साल अगस्त में 40 लाख रुपए हितग्राहियों के खाते में डाले गए थे, लेकिन इसके बाद से योजना में राशि शासन से प्राप्त नहीं हुई है। कुछ मामलों में हितग्राहियों का रुपया नपा के पास है, लेकिन वे कार्य कर प्रगति नहीं दिखा रहे। इस कारण इन्हें भुगतान करना संभव नहीं है। नए आवेदन लिए जा रहे हैं।
- विक्रांत पांडे, सब इंजीनियर, नगर पालिका आमला
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