भाई के साथ बिजनेस शुरू करने लिया रुपया, मूल से ज्यादा चुकाया ब्याज, जब कार गिरवी रखी तो पहुंची प्राधिकरण
कभी-कभी घरवालाें से छिपकर काम करना मंहगा पड़ जाता है। ऐसा ही एक मामला जिला विधिक प्राधिकरण में पहुंचा। दरअसल, एक महिला ने पति से छिपाकर दूसरी महिला से 2लाख 10 रुपए ब्याज पर लिए। दो साल तक वह ब्याज देती रही। उसके बावजूद मूल बना रहा। इस पर दूसरी महिला ने ब्याज पर रुपए लेने वाली महिला से कार और उसके पेपर ले लिए।
महिला ने यह बात पति को बताई तो उसने मदद करने की बजाय यह कहकर पल्ला झाड़ किया जिस तरह फंसी हो, वैसे ही निकलो। प्राधिकरण सचिव संदीप शर्मा ने समझौता करते हुए ब्याज पर रुपए लेने वाली महिला को चार किश्तों में बिना ब्याज के रुपए वापस करने के आदेश दिए वहीं ब्याज पर रुपया देने वाली महिला को कार वापस करने के आदेश दिए।
सबक सिखाने के लिए पति ने झाड़ लिया था पल्ला
प्राधिकरण के सचिव के मुताबिक काउंसलिंग में खुलासा हुआ कि महिला ने अपने पति से छिपाकर भाई के साथ मिलकर कंपनी खोलने के लिए एक महिला से 2 लाख रुपए से अधिक रुपया ब्याज पर लिया था। महिला ब्याज भी देती रही। मूल नहीं लौटा पाने पर ब्याज पर रुपया देने वाली महिला ने जब चार पहिया वाहन और उसके कागज ले लिए तब महिला को गलती का अहसास हुआ कि वह मूल से ज्यादा ब्याज दे चुकी थी उसके बाद भी मूल ज्यों का त्यों बना रहा।
इस पर दोनों महिला के बीच विवाद हुआ। पति को इस बात का पता चला कि उसकी पत्नी ने ब्याज पर रकम लेकर गलती की। उसने पत्नी को सबक सिखाने के लिए उसकी मदद करने की बजाय मामले से पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद महिला ने प्राधिकरण में शिकायत की।
महिला अपने भाई के साथ मिलकर कंपनी खोलना चाहती थी। उसे पैसों की जरूरत थी। उसने अपनी जरूरत पति को नहीं बताई और ब्याज पर रकम ले ली।
ऐसे हुआ समझौता
एक महिला पैसे वापस करेगी तो दूसरी कार और उसके पेपर
शर्मा ने बताया कि दोनों महिलाओं को आदेशित किया कि जो मूल रकम है वह चार किश्तों में चुकाई जाएगी। इसमें ब्याज पर रुपए लेने वाली महिला चार किश्त में रुपए देगी। पहली तीन किश्त 50 हजार रुपए की होगी। वहीं दूसरी किश्त 60 हजार की होगी। इस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा। वहीं पहली किश्त मिलने के बाद रुपया देने वाली महिला कार और उसके कागज वापस करेगी। साथ ही उसने जिन थानों में शिकायत की है, वह वापस लेगी। शर्मा ने बताया कि इस तरह दोनों की सहमति से समझौता हो गया।
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