इस बार संकष्ट चतुर्थी-करवाचौथ का विशिष्ट योग आकार ले रहा

पति-पत्नी के अटूट बंधन का पर्व करवा चौथ बुधवार को है। इस मर्तबा संकष्ट चतुर्थी-करवाचौथ का व्रत विशिष्ट योग निर्मित कर रहा है। इस दिन महिलाएं रात में चंद्रमा का दर्शन कर उनकी पूजा-अर्चना के बाद महिलाएं व्रत खोलेंगी व पति उन्हें उपहार देंगे।
बुधवार को इस बार करवाचौथ पर प्रातः सूर्योदय पूर्व से सर्वार्थसिद्धि योग निर्मित हो रहा है, जो संपूर्ण रात्रि विद्यमान रहेगा। इस सर्वार्थसिद्धि योग में साधना, व्रत, पूजन, अभिलाषा से 100 गुना अधिक लाभ प्राप्त करवाती है साथ ही खरीदारी समृद्धिदायी रहती है। यह व्रत बाधाओं को दूर करने वाला तथा पित्त प्रकोप को भी समाप्त करता है।
इस बार करवाचौथ का योग जीवन में इच्छित कामनाओं की पूर्ति करेगा : इस बार बुधादित्य योग निर्मित हो रहा है जहां सूर्य व बुध ग्रह एक ही राशि में विद्यमान है, जाे घर परिवार में प्रेम दांपत्य, जीवन सुखमय शांति व मन इच्छित कामनाओं को पूर्ण करता है। इस दिन चतुर्थी तिथि का प्रारंभ सूर्योदय पूर्व 3.25 पर हो रहा है, जो 5 नवंबर को सूर्योदय पूर्व प्रातः 5.14 पर समाप्त होगी। ज्योतिषाचार्य संजयशिवशंकर दवे ने बताया कि करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.23 से 8.21 बजे तक रहेगा। चंद्रोदय का समय रात 8.31 रहेगा।



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