हर रोज हो रही कोविड की जांच, लेकिन जेएएच प्रबंधन प्रशासन से छुपा रहा संक्रमितों की संख्या

स्वास्थ्य विभाग और जेएएच प्रबंधन में तालमेल के अभाव के कारण संक्रमितों की संख्या की सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है। जेएएच में हर रोज 20-30 लोगों की रैपिड एंटीजन से जांच की जा रही है, लेकिन जांच में कितने लोग पॉजिटिव निकल रहे हैं, इसकी जानकारी न तो स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा की जा रही है, और न ही प्रशासन से। इस कारण स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन में संक्रमितों की संख्या कम बताई जा रही है। जबकि संक्रमितों की वास्तविक संख्या कहीं ज्यादा रहती है। जानकारी के अभाव में स्वास्थ्य विभाग न तो परिजनों की सैंपलिंग करवा पा रहा है, न ही प्रशासन संक्रमित के घर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर पा रहा है।

रोजाना 30 से अधिक लोगों की होती हैं एंटीजन जांच
माधव डिस्पेंसरी में कोरोना संदिग्धों की जांच रैपिड एंटीजन किट से की जाती है। हर रोज 30 से अधिक लोगों की जांच की जाती है, इसमें 6 से 10 लोग पॉजिटिव आते हैं। यहां बता दें कि पूर्व में माइक्रोबायलोजी विभाग टेस्ट की सूची साझा करता था, लेकिन अब देना बंद कर दिया है।

आज से स्वास्थ्य विभाग को भी सूची मिलने लगेगी
पूर्व में जेेएएच में की जा रही जांच की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा न करते हुए आईसीएमआर के पोर्टल में अपडेट की जा रही थी। इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। गुरुवार से सूची स्वास्थ्य विभाग को भी दी जाएगी।
-डॉ. मनीष शर्मा, सीएमएचओ

ग्वालियर, शिवपुरी में एक-एक और भिंड में 3 डेंगू के मरीज मिले, कागजों में हो रहा है सर्वे
ग्वालियर | कोरोना संक्रमण के साथ अब डेंगू के मरीज भी अंचल में बढ़ने लगे हैं। जीआरएमसी के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में हुई जांच में बुधवार को ग्वालियर और शिवपुरी के एक-एक तथा भिंड के तीन मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। ग्वालियर में पिछले 13 दिन में डेंगू के 3 और चिकनगुनिया का एक मरीज मिल चुका है। इसके बाद भी मलेरिया विभाग और नगर निगम प्रशासन अलर्ट नहीं हुआ है। मलेरिया विभाग द्वारा डेंगू, मलेरिया की रोकथाम के लिए मोहल्लों में किया जाने वाला सर्वे का कार्य सिर्फ कागजों में चल रहा है। शासन के आदेश हैं कि मलेरिया विभाग मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नगर निगम के साथ मिलकर मोहल्ले में सर्वे कर दवाओं का छिड़काव करे।

डेंगू, मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों को लेकर नगर निगम और मलेरिया विभाग गंभीर नहीं हैं। यह स्थिति तब है कि जब 5 नवंबर को शहर में डेंगू के दो मामले आए थे। जीआरएमसी की माइक्रो बायोलॉजी विभाग में हुई जांच में बुधवार को शिवाजी नगर आमखो निवासी 15 वर्षीय बच्चे को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। ग्वालियर में इसी माह में तीन डेंगू के मरीज मिल गए हैं। इसके अलावा शिवपुरी के एक, भिंड में तीन मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इस मामले में सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए मलेरिया अधिकारी से कहा जाएगा कि वह मोहल्ले में सर्वे कार्य तेज कराएं और इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन दें।

रानी महल में हुए 7 सैंपल, देहात में 3 जगह गई सैंपल लेने टीम
कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही जिले में सैंपलिंग बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। बुधवार को सरकारी अस्पतालों के साथ जिला अस्पताल से चार टीमें सैंपलिंग करने भेजी गई। रानी महल में सात लोगों के सैंपल हुए हैं। इसे अलावा छिमका में 96, चिराई श्यामपुर में 170 और बेरजा में 100 लोगों के सैंपल लिए गए। इस तरह जेएएच छोड़कर जिले में 1840 सैंपल हुए हैं। नोडल अधिकारी डॉ. अमित रघुवंशी का कहना है कि देहात में जहां पॉजिटिव मरीज अधिक मिल रहे हैं, वहां अगर सैंपलिंग की व्यवस्था नहीं है तो टीम भी भेजी जाएगी।



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जिला अस्पताल मुरार में सैंपल देने के लिए लाइन में खड़े लोग।


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