इंजीनियरिंग करने के आठ वर्ष बाद भी नहीं मिली नौकरी, तो जबलपुर में युवक ने कुएं में लगा दी छलांग

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के आठ वर्ष बाद भी एक अदद सरकारी नौकरी न मिलने की हताशा में 31 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली। युवक की लाश शनिवार को घर के आंगन स्थित कुएं में मिली। बेटे की लाश पर बिलखते पिता का दर्द और आक्रोश एक साथ छलक पड़ा। बोले कि बेटा कहता था कि प्रदेश सरकार ने 60 से 62 की उम्र बढ़ाकर हमारे जैसे युवाओं के सपनों का गला घोंट दिया। कई प्रयासों के बावजूद नौकरी नहीं मिली, तो तनाव में रहने लगा था। उसकी मौत से पूरा परिवार सन्न है। उधर, सिहोरा से भी 45 वर्षीय महिला ने बीमारी से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया।

परिवार में छोटा बेटा था
रांझी पुलिस ने बताया कि मानेगांव आदर्श नगर निवासी फैक्ट्री से रिटायर गुलाब चंद देशमुख के दो बेटों में छोटा सुरेंद्र देशमुख (31) ने 2012 में इंजीनियरिंग पूरी की थी। बड़ा भाई महेंद्र प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता है। सुरेंद्र ने जॉब पाने के लिए कई विभागों की परीक्षाएं दीं, लेकिन सफल नहीं हुआ। सरकारी जॉब नहीं मिलने से वह कुछ दिनों से तनाव में रहने लगा था।

कुएं से सुरेंद्र देशमुख का शव निकाला गया।

घर के आंगन में है कुआं
पिता गुलाब चंद देशमुख के मुताबिक तनाव में होने के बावजूद सुरेंद्र ने किसी को अहसास नहीं होने दिया। उसकी टीस अक्सर बातचीत के दौरान झलक जाती थी। बेटा कहता था कि मप्र सरकार ने 60 से 62 की उम्र बढ़ाकर हमारे सपनों की हत्या कर दी है। घर के अंदर आंगन में ही पुराना कुआं है। कुएं को जाली से कवर कराया है। इस कवर को हटाकर सुरेंद्र ने कुएं में छलांग लगा दी।

सुबह नजर पड़ी, तब पता चला
गुलाब चंद देशमुख ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार रात सुरेंद्र खाना खाने के बाद कमरे में सोने चला गया था। सुबह देर तक वह बाहर नहीं निकला, तो उसे बुलाने गए। वह कमरे में नहीं मिला। चारों ओर तलाश किया। इसके बाद कुएं में नजर पड़ी, तो उसका शव उतरा रहा था। चीख सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और फिर उसकी लाश को निकाला गया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामला जांच में लिया है।

सिहोरा में बीमारी से परेशान महिला ने किया आत्मदाह।

इधर, बीमारी से परेशान महिला ने दी जान
सिहोरा क्षेत्र के गौरहा गांव निवासी 45 वर्षीय शकुन बाई कोल ने शनिवार सुबह खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। उसकी लाश घर के पीछे मिली। शरीर झुलस कर काला पड़ा गया था। मौके पर पहुंची पुलिस को महिला के पति सुरेश कोल ने बताया कि उनकी पत्नी बीमार रहती थी। शरीर पर फफोले पड़ जाते थे। इलाज के बावजूद ठीक नहीं हो रहा था। मानसिक हालत भी ठीक नहीं थी। इसी से परेशान होकर उसने आत्मघाती कदम उठाया होगा। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।



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बेटे के शव के पास बैठकर विलाप करते परिजन।


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