दूसरी लहर की शुरुआत के संकेत, संक्रमण की दर बढ़ी लेकिन सैंपलिंग नहीं
शहर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के संकेत मिलना शुरू हो गए हैं। दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण की शुरुआत में तैयार किया सेटअप खत्म कर दिया है। परिणाम यह कि भीड़ में संक्रमितों को तलाशने की बात तो दूर, मरीजों की कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अक्टूबर में संक्रमण दर 7.23 थी, लेकिन नवंबर के शुरुआती 15 दिनों में यह आंकड़ा 10 को पार कर गया है।
गौर करने वाली बात यह है कि अक्टूबर में हर रोज औसतन 1231 सैंपलों की जांच की गई, जबकि नवंबर में औसत टेस्टिंग का आंकड़ा 791 ही है। ऐसे में कम सैंपलिंग के बावजूद संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कमोवेश कुछ ऐसी ही स्थिति जुलाई और अगस्त में देखने को मिली थी, जिसके बाद सितंबर में कोरोना की पहली लहर में रिकॉर्ड 5476 लोग संक्रमण की चपेट में आए थे। हालांकि, सितंबर में हुए कोरोना ब्लास्ट के बाद भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सैंपलिंग बढ़ाने पर ध्यान नहीं दे रहा है।
जानिए... कहां-क्या बरती जा रही लापरवाही
सैंपलिंगः लक्ष्य 2000 का, 1000 लोगों की नहीं हो पा रही... स्वास्थ्य विभाग ने ग्वालियर को हर रोज 2000 लोगों की सैंपलिंग का लक्ष्य दिया है। हालांकि, आंकड़ों पर नजर डालें तो कभी भी रोज सैंपलिंग का आंकड़ा 1400 को पार नहीं कर सका। परिणामस्वरूप टेस्टिंग भी कम हो रही है।
मेडिकल स्टोर्स व डॉक्टरों से नहीं ले रहे रिकार्ड... स्वास्थ्य विभाग ने पूर्व में यह आदेश जारी किया था, इसमें मेडिकल स्टोर्स संचालकों व निजी क्लीनिक वाले डॉक्टरों को ऐसे सभी मरीजों की जानकारी साझा करने के लिए कहा गया था जो बुखार, सर्दी , खांसी की समस्या से जूझ रहे हैं। शुरुआती दिनों में कुछ लोगों ने जानकारी दी लेकिन बाद में यह आदेश मजाक बनकर रह गया।
कांटेक्ट ट्रेसिंगः शासन के आदेश की आड़ में नहीं दे रहे ध्यान... स्वास्थ्य विभाग ने पहले आदेश जारी करते हुए कांटेक्ट ट्रेसिंग पर रोग लगा दी। इसका परिणाम यह निकला कि ग्वालियर में सैंपलिंग की संख्या कम हो गई। संक्रमितों के परिजन तभी सैंपलिंग कराने पहुंचते हैं, जब उनकी तबीयत खराब हो जाती है।
इंसीडेंट कमांडर नदारद: कंट्रोल कमांड सेंटर में दिखावे की मॉनिटरिंग... कोरोना के शुरुआती में शहर को अलग-अलग हिस्सों में बांटा था। संबंधित क्षेत्रों से मिलने वाले संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराने की जिम्मेदारी इंसीडेंट कमांडर को दी गई थी। लेकिन अब ये कमांडर अपने-अपने क्षेत्रों में समय न देते हुए अपने मूल काम में व्यस्त हो गए हैं।
विशेषज्ञों की राय... मास्क लगाने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
सर्दी में अस्थमा, फ्लू (जुकाम, खांसी), एलर्जी के मामले बढ़े हैं। ऐसे में आप इस प्रकार के संक्रमण के साथ कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए तो यह और ज्यादा घातक होकर आपको नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और नियमित अंतराल में हाथों को साबुन से धोकर खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। -डॉ. विजय गर्ग, असिस्टेंट प्रोफेसर, जीआरएमसी
ऊर्जा मंत्री के छोटे भाई, एजी ऑफिस के अधिकारी संक्रमित
ग्वालियर | जिले में 67 कोरोना संक्रमित निकले हैं, इनमें ऊर्जा मंत्री के छोटे भाई को जेएएच की जांच रिपोर्ट में कोरोना होने की पुष्टि हुई है। उन्हें बीती देररात शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें डायबिटीज होने के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इस कारण उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया है। सोमवार को सुबह उन्हें एम्स दिल्ली के लिए रैफर कर दिया गया। उनके संपर्क में ऊर्जा मंत्री और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कई कार्यकर्ता भी आए हैं। थाटीपुर निवासी एजी ऑफिस के सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी हाल ही में सागर से लौटे हैं।
वहां से लौटने के बाद उन्हें खांसी और बुखार आ रहा था। जांच कराई तो उन्हें कोरोना होने की पुष्टि हुई, जबकि उनकी पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एजी ऑफिस के सेवानिवृत अधिकारी को भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। तानसेन नगर निवासी बर्फ फैक्टरी के संचालक और उनका बेटा कोरोना संक्रमित निकले हैं। बर्फ संचालक की पत्नी चार दिन पूर्व संक्रमित निकली थीं। लैंड रिकॉर्ड से सेवानिवृत कर्मचारी, आदित्यपुरम निवासी 42 वर्षीय व्यक्ति को भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। दर्पण कॉलोनी निवासी पुलिस हाउसिंग में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर छह दिन पूर्व दतिया गए थे। रवि नगर निवासी महिला एसबीआई दिल्ली में क्लर्क हैं, जबकि उनका पति सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता है।
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