ईश्वर द्वारा दिए खजाने को परमार्थ के कार्य में लगाने से सफलता मिलती है
परमात्मा ने हमें ज्ञान, गुण, समय, संकल्प व शक्तियों के खजाने दिए हैं। इन खजानों को ईश्वरीय सेवा में लगाने से सफलता मिलती है। अतः मन, वचन, कर्म से व तन, मन, धन से ईश्वरीय सेवा में सब कुछ सफल करना है।
यह बात राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने भाई दूज पर कही। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व-विद्यालय के सेवा केंद्र द्वारा त्रैमासिक ज्ञानांजलि सह काव्यांजलि कार्यक्रम में ‘सफल करो और सफलता पाओ’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में मनोरमा दीदी प्रमुख वक्ता के रूप में मौजूद रहीं। मुख्य अतिथि समाजसेवी महेंद्र शर्मा रहे। विशेष अतिथि अभिभाषक सुखलाल ग्वालियरी तथा अध्यक्षता मप्र हाउसिंग बोर्ड के वरिष्ठ अभियंता विजयसिंह सिसोदिया ने की। कवि व साहित्यकार जुझारसिंह भाटी व आजाद भारती ने भी आध्यात्मिक रचनाओं का पाठ किया। स्वागत नीलम बहन, पूजा बहन, आरती बहन ने किया। सेवा केंद्र के राजेश मोडिया, भूपेंद्रसिंह देवड़ा, कमलेश श्रीवास्तव, नारायण राठौर, हरीश नेनानी, जीवनदास बैरागी, राजेंद्र मरमट, राजेंद्र राव, कृष्ण कुमार चौहान, जितेंद्र राठौड़, अमित श्रीवास्तव, राधा राठौर, निर्मला चौहान, श्वेता सोनी सहित बड़नगर, रुनिजा, नामली, धौंसवास, कलोरी-कला, अमलेठा केंद्र के भाई-बहन शामिल थे।
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