खरीफ फसल की भरपाई, 21 हजार किसानों के लिए 75 करोड़ रु. मंजूर

दो साल पहले वर्ष 2018 में खराब हुई खरीफ फसल की भरपाई के लिए अब बीमा कंपनी ने किसानों को क्लेम की राशि वितरित करना शुरू कर दिया है। जिले के 21 हजार 424 किसानों के लिए कंपनी ने 75 करोड़ 54 लाख रुपए मंजूर किए हैं। उक्त राशि किसानों के खाते में जमा भी होना शुरू हो गई है।
फसलों में हुए नुकसान की यह भरपाई क्राॅप कटिंग के बाद सामने आए नुकसान के आधार पर की गई है। क्राॅप कटिंग के दौरान अलग-अलग गांवों में नुकसान का प्रतिशत भी अलग-अलग था। 30 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान वाले क्षेत्रों से लेकर अधिकतम 60 प्रतशित तक नुकसान का आंकलन किया गया था। इसे आधार मानकर कंपनी ने क्लेम मंजूर किया और राशि सीधे बैंकों को दे दी। लॉकडाउन के दौरान आई क्लेम राशि को बैंक अधिकारियों ने भी सीधे किसानों के खाते में जमा कराना शुरू करा दिया। हालांकि सीसी बैंक की ज्यादातर शाखाएं ग्रामीण होने के कारण वहां ऑनलाइन ट्रांसफर हाेने में दिक्कत आ रही है। फिर भी सीसीबी ने भी अब तक 70 प्रतिशत किसानों के खाते में क्लेम राशि जमा करा दी है।

एक बीघा से 50 किलो सोयाबीन के दाने निकले
मावठे ने कई क्षेत्रों की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई थी। बावजूद क्राॅप कटिंग में राजस्व टीम ने 25-30 प्रतिशत नुकसान होने की रिपोर्ट भेजी। कई किसान ऐसे थे, जिन्हें एक बीघा में सिर्फ 30 किलो से लेकर 50 किलो दाने की निकले थे, जबकि औसत उत्पादन 2 क्विंटल है।
क्लेम राशि पर सवाल, पारदर्शिता नहीं होने का आरोप
क्लेम राशि को लेकर जिले के जैविक किसान बेदारनगर निवासी जुझारसिंह परमार ने कहा आरोप लगाया है कि जो क्लेम राशि आई है। वह कब की है और कितने नुकसान के हिसाब से आई है। इसे लेकर कोई जानकारी देने काे ही तैयार नहीं है। आधे से ज्यादा किसानों को इसका लाभ भी नहीं मिला, जबकि नुकसान सभी को हुआथा। मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से भी स्पष्ट खुलासा कराने की चर्चा चल रही है।
तीन दिन तक लगातार हुई थी बारिश, सड़ गई थी फसलजिले में साेयाबीन कुल 2 लाख 40 हजार हेक्टेयर में ज्यादातर किसानों ने पहली बारिश में ही बुआई की थी। इस कारण जल्दी तैयार हो गई और कटाई शुरू हो गई। इसी बीच 21 सितंबर को बारिश हुई। उस वक्त करीब 35 हजार हेक्टेयर की फसल कटकर खेतों में पड़ी थी। तीन दिन की बारिश से खेताें में पड़ी फसल अंकुरित हो गई। दाने दागी हो गए थे।




बोवनी : 2 लाख 40 हजार हेक्टेयर में बोई थी सोयाबीन
2018 में जिले में 2.50 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल की बुआई की गई थी। 2.40 लाख में सोयाबीन लगी थी। 200 में ज्वार, 2000 में मक्का, अरहर, मूंग व उड़द 3 हजार हेक्टेयर में लगाई गई।
सीसीबी ने भी 70 फीसदी राशि जमा कराई
जो खरीफ फसल खराब हुई थी। उसके क्लेम की राशि सीधे किसानों के खाते में जमा होना शुरू हो चुकी है। राष्ट्रीयकृत बैंकों ने अपने ग्राहकों के खाते में यह राशि जमा करा दी है। सीसीबी ने भी 70 प्रतिशत किसानों के खाते में राशि जमा करा दी है।
- आर.पी.एस. नायक, उप संचालक कृषि शाजापुर



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