फैक्टरी चालू तो 8 लाख का बिल, अब बंद तो भी 5 लाख; मालवा चैंबर ने सीएम से कहा- गुजरात फॉर्मूला अपनाएं

सांवेर रोड स्थित एक फैक्टरी को लगातार काम करने और हजारों यूनिट खर्च करने के बाद आठ से नौ लाख का बिजली का बिल आता था।लॉकडाउन में फैक्टरी बंद होने के बाद भी बिजली का बिल पांच लाख रुपए का आया है, जबकि सौ यूनिट भी नहीं चली है। इसी तरह के बिल सभी इंडस्ट्री को आए हैं। मामले में मालवा चैंबर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इन बिलों पर आपत्ति ली है। संस्था के अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग ने पत्र में कहा है कि एक यूनिट 50 रुपए की पड़ रही है, जबकि विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय नीति के अनुसार यह अधिकतम 8 रुपए 78 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित है। संस्था के अध्यक्ष नारंग और सचिव सुरेश हरियानी ने सीएम से मांग की है कि मार्च से स्थितियां सामान्य होने तक उद्योगपतियों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए बिलिंग फॉर्मूला बदला जाए, जिस तरह से गुजरात सरकार ने किया है। इस अवधि में बिलिंग सिर्फ वास्तविक खपत पर प्रति यूनिट दर की गणना कर की जाए। शासन के कहने पर ही उद्योग बंद हुए हैं, इसलिए शासन के न्यूनतम बिजली खर्च, स्थाई प्रभार की देयता, लो पॉवर फैक्टर इत्यादि से भी मुक्त किया जाना चाहिए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
8 lakh bill, factory closed, 5 lakh even now; Malwa Chamber told CM- Adopt Gujarat Formula


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2SLfFWm

Share this

Artikel Terkait

0 Comment to "फैक्टरी चालू तो 8 लाख का बिल, अब बंद तो भी 5 लाख; मालवा चैंबर ने सीएम से कहा- गुजरात फॉर्मूला अपनाएं"

Post a Comment