भोजन मिलने की उम्मीद नहीं, इसलिए बोतल में चने साथ लेकर चल रहे लोग

जिले की सड़कों से हर दिन बड़ी संख्या में प्रदेश सहित दूसरे प्रांतों के मजदूरों का पलायन हो रहा है। बुधवार को भी धार जिले से पैदल चलते हुए 1 हजार किमी दूर झारखंड के गड़वा गांव के लिए निकले 10 श्रमिक शहर पहुंचे। इस लंबे सफर में लॉकडाउन की वजह से पिछले दिनों में अनुभव बुरे रहे। इसलिए भूख मिटाने रास्ते से चना लिया और उसको बोतलों में डाल दिया। जब चलते-चलते थकावट के साथ भूख लगती है तो रुककर विश्राम करते हुए इन गले चने को ही खा लेते हैं।

10 श्रमिकों के ग्रुप में शामिल नागेन्द्र कुमार ने बताया कि जिस दिन लॉकडाउन लगा था उसके एक दिन पहले ही वे धार काम पर पहुंचे थे। इसके बाद लॉकडाउन खुलने का इंतजार करते रहे। कारखाने बंद होने के बाद जब लॉकडाउन-3 शुरू हो गया और हाथ में जो पैसा था वह खर्च हो गया तो घर की तरफ पलायन कर लिया। श्रमिकों ने बताया कि परिजनों के फोन आ रहे हैं लेकिन वे उनको यह नहीं बता पा रहे कि कब तक घर पहुंच पाएंगे। श्रमिकों ने बताया कि 1 हजार किमी का सफर पूरा करना है। अशोकनगर कलेक्टोरेट में पहुंचकर श्रमिकों ने वाहन व्यवस्था भी मांगी लेकिन उनको कोई वाहन नहीं मिला। हालाकि कुछ समाजसेवियों को इन श्रमिकों की जानकारी लगी तो श्रमिकों के भोजन का प्रबंध कराया।



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There is no hope of getting food, so the people carrying the gram in the bottle


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