शटरडाउन की तैयारी, चीन से निकल रहीं कंपनियों के लिए बिछेगा रेड कारपेट

गुरुदत्त तिवारी.कोराेना संकट के बाद चीन से शटरडाउन करके बाहर निकल रहीं जापानीज, यूरोपीयन और अमेरिकन कंपनियों के लिए मध्यप्रदेश में भी रेड कारपेट बिछाने की तैयारी चल रही है। इस कड़ी में राज्य सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए देश के दिग्गज उद्यमियों की एक समिति का गठन किया है। इसके सदस्य सरकार के लिए सिफारिश तैयार कर रहे हैं सिफारिशों का मुख्य फोकस यही रखा है कि चीन से शटरडाउन करके भारत आने वाली कंपनियों को कैसे मप्र लाया जा सकता है। राज्य सरकार हर जिले में उपलब्ध उद्योग विभाग की जमीन की भी जानकारी जुटा रही है। समिति में शामिल उद्यमियों जैसे आईटी से जुड़े उद्यमियों से कहा है कि वे आईटी व दूसरी टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियों को मप्र लाने के लिए क्या सुविधाएं देना पड़ेगी, उनकी सूची बनाएं। ऑटो मोबाइल सेक्टर से जुड़े उद्यमियों से नई ऑटोमोबाइल कंपनियों को आकृष्ट करने के लिए जरूरी सुविधाओं की सिफारिश देने को कहा है। ऑटो मोबाइल, टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ऑटोपार्ट्सर जैसी कंपनियों पर फोकस है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने चीन से निकलने वाली कंपनियों के लिए गुजरात, महाराष्ट्र व कर्नाटक में यूरोपीयन देश लेक्जेमबर्ग के क्षेत्रफल से भी दोगुनी जमीनें आरक्षित की गई हैं।
पहले जापानी कंपनियां निकलेंगी
पहले चरण में जापानी कंपनियां चीन छोड़ सकती हैं। जापानी सरकार चीन से निकलने वाली कंपनियों के लिए 2.5 अरब डॉलर का पैकेज देने की घोषणा कर चुकी है। उसके बाद कोरियन कंपनी बाहर निकल सकती है। यूरोप, अमेरिका, जापान व कोरिया की करीब 1,000 कंपनियां गंभीरता से चीन से बाहर निकलने पर विचार कर रहीं हैं। नए औद्योगिक माहौल में कंपनियां सप्लाई पर चीन की निर्भरता को पूरी तरह से खत्म करना चाहती हैं।
ये दिग्गज करेंगे कंपनियों को भारत लाने में मदद...
- रवि झुनझुनवाला- एचईजी के एमडी, देश में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले प्रमोटर्स की सूची में शामिल हैं।
- रजिंदर गुप्ता- देश की अग्रणी टैक्सटाइल कंपनियों में से एक ट्राइडेंट के एमडी।
- मार्क जोराल्ट- जर्मन कंपनी लैप इंडिया के प्रमुख। उनसे जर्मन कंपनियों से बात करने को कहा जा सकता है।
राज्य सरकार से साझा करेंगे जरूरी उपाय
- अपूर्वा सिंह, अर्नेस्ट एंड यंग (नॉलेज पार्टनर मप्र सरकार) के मुताबिक,दूसरे राज्यों की तरह मप्र सरकार भी इस दिशा में तेजी से विचार कर रही है। हमसे जो सिफारिशें मांगी गईं थी, वे राज्य सरकार को सौंप दी हैं।
- अनुराग श्रीवास्तव, सीईओ, नेटलिंक लिमिटेड के मुताबिक, मप्र में निवेश की अच्छी संभावनाएं हैं। विदेशी कंपनियों को आकृष्ट करने के लिए जो भी जरूरी उपाय हैं, वह हम राज्य सरकार से साझा करेंगे।
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