धधक रहे ईंट-भट्‌ठे, प्रदूषण में सांस लेना भी मुश्किल

ईट भट्‌ठों से निकलने वाला धुआं नगर के वाशिंदों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। हालत यह है कि नगरीय सीमा के अंदर ही एक सैकड़ा से अधिक ईंट भट्‌ठे लगाए गए हैं। इनसे निकलने वाला धुआं लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार बेपरवाही की चादर ओढ़कर खामेाश हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि भीषण गर्मी के दौरान सुलग रहे ईंट भट्‌ठोंं से तपन और बढ़ गई है, जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है। वहीं लगातार धुआं उत्सर्जन से लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगरीय सीमा में आबादी क्षेत्र के बीच करीब सौ से अधिक ईंट भट्‌ठे लगाए गए हैं। लगातार इन भट्‌ठों से निकलने वाले धुआं और तपन से स्थानी रहवासी परेशान हैं। इस संबंध में लोग कई बार शिकायत भी कर चुके हैं, इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिम्मेदार केवल जांच करने का अश्वासन देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। आबादी वाले क्षेत्रों में सुलग रहे ईंट भट्‌ठे कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
सरकारी जमीन पर भट्‌ठे
स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिकांश ईंट भट्‌ठे सरकारी जमीन पर लगाए गए हैं। इसके बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। स्थानीय निवासी दिनेश सोनी, विपिन झारिया का कहना है कि भट्‌ठों से निकलने वाले धुएं के कारण बुजुर्ग और बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इसकी शिकायत नगर परिषद और तहसीलदार से भी की गई है।
इनका कहना है
नगरीय सीमा में लगे 35 ईंट भट्‌ठो संचालकों को नोटिस जारी किया गया है, शीघ्र ही उन पर कार्रवाई की जाएगी।
जेपी सेन, नगर पालिका सीएमओ



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Brick kilns are burning, it is difficult to breathe in pollution


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