दूध-पानी नहीं मिलने से उबला आक्रोश, सीएसपी ने समझाया, बोले-हर घर तक पहुंचाई जाएगी सामग्री

सिंधी कॉलोनी के सभी रास्तें चारों तरफ से बंद कर दिए हैं, इस कारण क्षेत्र दो दिन से खुली जेल बन गया है। ऐसे में दूध और पानी नहीं मिलने से शनिवार शाम को लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। लोग सड़क पर आ गए। कुछ लोग बंदी का दूध घर नहीं आने से नाराज थे तो कुछ पैक दूध नहीं लेना चाहते थे। अधिकांश लोग पानी नहीं मिलने से आक्रोशित नजर आए। सड़क पर लोगों की भीड़ एकत्र होने पर मौके पर मोघट थाने से टीआई बीएल अटोदे सहित पुलिस बल पहुंचा।
शाम 7.30 सीएसपी ललित गठरे भी यहां पहुंचे तो लोग घरों से निकलकर आ गए। इस दौरान महिलाएं बोलीं गलियां सील होने से पानी का टैंकर आना बंद हो गया। लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, इसका मतलब ये नहीं कि आप लोग जरुरी सुविधाओं से हमें दूर रखें। बाहर निकल रहे हैं तो कहा जा रहा हैं कि आप अंदर जाए। जरुरी सुविधाओं की आपको पूर्ति करना है। सीएसपी ने कहा कि घर-घर तक पानी आएगा। आप लोगों को आने-जाने से इसलिए रोक रहे हैं क्योंकि जिले में सबसे ज्यादा संक्रमण के केस इसी कॉलोनी में है। दूध, राशन और सब्जी के लिए सपोर्ट टीम है। प्रभारी अधिकारी का नंबर नोट करें। वॉट्सएप पर बताए आपको जरुरी वस्तुएं मिल जाएंगी। यह सुन लोगों का आक्रोश शांत हुआ और लोगों ने तालियां बजाकर सीएसपी का आभार माना।

कलेक्टर के आदेश हैं, जो बंदी वाला है उसी से सामग्री लेकर पहुंचाएं घरों तक
सीएसपी ने सपोर्ट टीम के प्रभारी उपयंत्री भरत सुरजाए से कहा कंटेनमेंट एरिया में बाहर का कोई व्यक्ति नहीं जाएगा। जो यहां का बंदी वाला है उससे ही दूध पैक कराकर वो जिस नंबर का घर बताए वहां तक पहुंचाना सपोर्ट टीम का काम है। यदि कर्मचारी कम है तो संख्या बढ़ाएं। यह आदेश मेरे नहीं कलेक्टर के हैं। आप किसी को पैक दूध लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।

गार्ड बोले- भीतर नहीं आते पुलिसकर्मी सीएसपी ने निगरानी के दिए नर्देश
कंटेनमेंट एरिया में लोगों की भीड़ होने पर सीएसपी ने वहां तैनात पुलिस जवानों को बुलाया। दो फारेस्ट गार्ड सामने आए और बोले भीतर हम लोग ही रहते हैं। पुलिस जवान बाहर तैनात हैं, उन्हें बुलाया तो नहीं आए। इतना सुन दोनों ही जवानों को सीएसपी ने बुलाया और निगरानी करने के निर्देश दिए। साथ ही एक मोटर साइकिल दल भी तैनात करने की बात कही।

इधर, दोपहर में बैरिकेड्स फांदकर कंटेनमेंट एरिया में घुसा युवक

दोपहर 1.20 बजे श्री झूलेलाल मंदिर के पास वाली गली से एक युवक बैरिकेड्स फांदकर कंटनमेंट एरिया में घुस गया। वह किसी के साथ बाइक पर बाजार से कूलर लेकर आया था। कुछ देर बाद कूलर भी भीतर ले गया। इस दौरान एक अन्य गली में पानी की समस्या से परेशान एक व्यक्ति अपने दो बच्चों के साथ आया। कंटेनमेंट एरिया से सटे मकान से पानी मांगकर अपने घर ले गया।

राहत... बड़े कंटेनमेंट जोन को छोटा किया, ताकि अच्छे से मैनेज हो सके

एडीएम नंदा भलावे कुशरे ने बताया कलेक्टर अनय द्विवेदी के निर्देश पर बड़े कंटेनमेंट क्षेत्रों को छोटा किया गया है, ताकि उसके अंदर रहने वाले लोगों को राशन-पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़े। नए जोन दलों की राउंड ओ क्लॉक ड्यूटी लगाई गई है। ये दल 24 घंटे वहीं तैनात रहकर लॉकडाउन का पालन करवाएंगे। जोन के अंदर रहने वाले लोगों से राशन, पानी, जरूरी दवाइयों की डिमांड भी लेंगे। बाद में नगर निगम के वेंडर के माध्यम से उन लोगों तक राशन-पानी पहुंचवाने का काम भी करेंगे। कुल मिलाकर ऐसा मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करवाया जा रहा है कि कंटेनमेंट जोन के रहवासियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।



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Outrage over not getting milk and water boils, CSP explained, said - material will be delivered to every house


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