कलेक्टर की फटकार से दुखी हैं, दो माह से हम संक्रमण के बीच धूप में भटक रहे

कलेक्टर तरुण पिथोड़े की फटकार के बाद नगर निगम के अपर आयुक्तों का दुख निगमायुक्त बी विजय दत्ता के सामने छलक पड़ा। दत्ता ने गुरुवार सुबह 8:30 बजे ही सारे अपर आयुक्तों को बैठक के लिए बुला लिया। इसमें अपर आयुक्तों ने कहा कि कलेक्टर साहब की फटकार से हम दुखी हैं, संक्रमण के खतरे के बीच हम दो महीने से धूप में भटक रहे हैं।
कलेक्टर साहब ने हमें पिछले साल बारिश और प्रतिमा विसर्जन के समय भी काम करते हुए देखा है। फिर वे ऐसा कैसे कह सकते हैं? कुछ अपर आयुक्तों ने फोटो दिखाते हुए कहा कि हम अपने कार्य का प्रचार नहीं करते हैं, इसलिए यह स्थिति बन रही है। पिछले दो महीने से हम लोग परिवार के साथ कैसे एडजस्ट कर रहे हैं, यह बयां करना मुश्किल है। इसके पहले स्वच्छ भारत मिशन में भी यही स्थिति थी। अपर आयुक्तों ने कहा कि लॉकडाउन के पहले से शहर में निगम ने अपनी पहल पर सैनिटाइजेशन, किराना और सब्जी वितरण जैसी व्यवस्थाओं को अपने हाथ में लेना शुरू कर दिया था। यह सब कलेक्टर साहब को भी पता है।
पूरे नगर निगम प्रशासन पर सवाल उठाना आश्चर्यजनक
एक अपर आयुक्त ने कहा कि कलेक्टर ने पूरे निगम प्रशासन के काम पर सवाल खड़ा किया है। उनका यह कहना कि क्वारेंटाइन सेंटर पर निगम कर्मचारी नहीं मिलते, यह आश्चर्यजनक है। एक अपर आयुक्त जो राप्रसे के अधिकारी हैं ने कहा कि निगम का काम बाहर से समझ नहीं आता है। जब तक वे निगम में नहीं आए थे, उन्हें भी लगता था कि निकाय के लोग काम नहीं करते। कमिश्नर बी विजय दत्ता ने कहा कि वे कलेक्टर से चर्चा करेंगे। निश्चित रूप से उन्हें सबके काम के बारे में जानकारी है। वे उनसे समझेंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा।
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