निवाड़ी जनपद पंचायत सीईओ को सरकारी आवास पर 2 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ा

जिले में कोरोना संक्रमण के बीच मंगलवार को जिले में जनपद सीईओ पर लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई देखने मिली। निवाड़ी जनपद पंचायत सीईओ हर्ष खरे ने मनरेगा के कार्यों के भुगतान करने के एवज में टेहरका के सरपंच पति से 4 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। जिसकी पहली किश्त लेकर वह मंगलवार को सीईओ के सरकारी निवासी पर पहुंचा। जहां जनपद पंचायत निवाड़ी के सीईओ हर्ष कुमार खरे को सुबह 9 बजे दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए सागर लोकायुक्त टीम ने उनके शासकीय आवास पर धर दबोचा।
ग्राम पंचायत टेहरका के सरपंच पति ग्यादीन अहिरवार ने बताया कि उन्होंने लोकायुक्त सागर को शिकायत की थी, कि ग्राम पंचायत टेहरका में एक वर्ष में मनरेगा के तहत कराए गए 34 लाख रुपए के कार्यों के एवज में चार लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी। योजना के अनुसार मंगलवार की सुबह सागर से लोकायुक्त की टीम निवाड़ी पहुंची। टीम के निर्देशानुसार सुबह 9 बजे आवेदक सरपंच प्रतिनिधि ग्यादीन अहिरवार ने सीईओ के शासकीय आवास पर पहुंचकर रुपए देने की बात कही और उनके पलंग पर दो लाख रुपए रख दिए। बाद में टीम को इशारा कर दिया। इसके बाद आवेदक के पीछे से लोकायुक्त की टीम सीईओ के निवास पर पहुंची और पलंग से रुपए जब्त कर सीईओ हर्ष कुमार खरे को रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा।
लोकायुुक्त की टीम आरोपी जनपद सीईओ को पकड़ कर जनपद पंचायत कार्यालय में लाई। यहां पर उन्होंने पूरी औपचारिकताएं करने के बाद सीईओ को गिरफ्तार कर लिया। जिन्हें बाद में जमानत व मुचलके पर छोड़ दिया गया।
लोकायुक्त निरीक्षक मंजू सिंह ने बताया कि टेहरका की सरपंच गीता देवी के पति ग्यादीन अहिरवार ने शिकायत की थी कि निवाड़ी जनपद पंचायत के सीईओ हर्ष कुमार खरे ने एक वर्ष में मनरेगा के तहत किए गए कामों के भुगतान के एवज में 5 फीसदी राशि की मांग की थी। जिसकी शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई। लोकायुक्त टीम की इस कार्रवाई में निरीक्षक बीएम द्विवेदी, अभिषेक वर्मा एवं आरक्षक सुरेन्द्र, सफीक, यशवंत व अजय शामिल थे। लोकायुक्त द्वारा की गई इस कार्रवाई से जिले के शासकीय कार्यालयों में दिनभर हड़कंप की स्थिति रही। सीईओ के खिलाफ की गई लोकायुक्त की कार्रवाई भी दिनभर चर्चा का विषय रही।

कारण बताओ नोटिस दिया था, इसलिए कार्रवाई करवाकर झूठा फंसाया
जनपद पंचायत निवाड़ी सीईओ हर्ष कुमार खरे ने कार्रवाई के बाद बताया कि टेहरका सरपंच द्वारा अवैध रूप से पंचायत में काम करवाए जा रहे थे। इस संबंध में उन्होंने पंचायत को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। साथ ही सरपंच पति को अपने ही कार्यक्षेत्र में काम करने के निर्देश दिए थे। इसी के चलते टेहरका सरपंच पति ने साजिश के तहत यह कार्रवाई करवाई।

पहले भी विवादों में रह चुके हैं खरे
कोरोना संक्रमण काल में जब लोग इससे बचने के उपाय तलाश रहे थे। उसी समय जनपद पंचायत सीईओ हर्ष खरे सैनिटाइजर व अन्य सामग्री के क्रय करने में अनियमितताएं करने में लगे थे। इसकी शिकायत संयुक्त आयुक्त सागर से की गई थी। जिसके बाद संयुक्त आयुक्त सागर ने जप पंचायत निवाड़ी और पृथ्वीपुर में सीईओ निवाड़ी हर्ष खरे द्वारा सैनिटाइजर सामग्री का क्रय सामर्थ्य और निर्धारित मूल्य से अधिक करने के मामले कलेक्टर को तलब किया था। उन्होंने 28 अप्रैल 2020 को कलेक्टर निवाड़ी को मामले की जांच कर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ निलंबन का प्रस्ताव भी दो दिन में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। 49 दिन भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में जब निवाड़ी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि इस मामले में रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्दी ही प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।



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Niwari district panchayat CEO caught taking bribe of Rs 2 lakh at government house


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