दो दिन में सरकार ने मांगें नहीं मानी तो आरटीओ ऑफिस में खड़ी कर देंगे बसें

लगातार तीन माह से बंद पड़ी बसों के संचालन को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। सरकार द्वारा बसों में सभी सीटों पर सवारियां बैठाकर ले जाने को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन अब बस ऑपरेटर्स की मांग है कि जब तक सरकार उनका 6 माह का टैक्स माफ सहित अन्य मांगें नहीं मानेगी, तब तक बसों का संचालन पूरी तरह बंद रहेगा।
इधर बस ऑपरेटर्स के इस निर्णय से यात्रियों की परेशानी बढ़ जाएगी। क्योंकि अनलॉक के बाद यात्री भी अपनी बसों के संचालन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सोमवार की दोपहर जिला बस यूनियन के अध्यक्ष शंकर लाल राय की अध्यक्षता में जिला बस यूनियन की बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो जिला बस ऑपरेटर्स संघ अपनी समस्त बसों को समस्त कागजातों के साथ जिला परिवहन कार्यालय में जाकर खड़ा कर देंगे।

सरकार के सामने रखी छह माह का टैक्स माफ करने की मांग

बस यूनियन के जिला सचिव शमीम कुरैशी ने बताया कि सोमवार को हुई बैठक में सभी ने सरकार के सामने अपनी प्रमुख मांगें रखी हैं। जिसमें यात्री बसों का छह माह का टैक्स माफ हो, लॉकडाउन अवधि का बीमा आगे बढ़ाया जाए, वाहनों के नान यूज के-फार्म की सीमा समाप्त की जाए, डीजल की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि के कारण किराए में वृद्धि की जाए, साथ ही चालक, परिचालक, हेल्पर को शासन से 10 हजार रुपए सहायता राशि अतिशीघ्र प्रदान की जाए। यदि हमारी इन मांगों को नहीं माना गया तो 2 दिन बाद सभी बसों को आरटीओ कार्यालय ले जाकर खड़ा कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से 25 मार्च से बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया था। पिछले दिनों शासन द्वारा आदेश जारी किए गए कि बस ऑपरेटर पूरी क्षमता के साथ बसों का संचालन कर सकते हैं। लेकिन सरकार द्वारा इस रियायत को देने के बाद भी जिले के बस ऑपरेटर्स अभी बसों के संचालन के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक गर्मियों के तीन माह में हमारा पूरे साल भर का सीजन निकल गया, दूसरी ओर लॉकडाउन की वजह से बसें खड़ी रहीं, ऐसे में हम लोग टैक्स कहां से भरेंगे। इधर बसें बंद होने से लगभग 100 एजेंटों, कंडेक्टर, हेल्पर और क्लीनर के सामने भी अपने परिवार का भरण-पोषण करना दुश्वार हो रहा है।

इधर बसें नहीं चलने से टैक्सी-ऑटो चालक वसूल रहे मनमाना किराया

यात्री परेशान, टैक्सी एवं ऑटो चालकों की चांदी : बीते तीन माह से बसें बंद होने के कारण टैक्सी, कार एवं ऑटो चालकों की जमकर चांदी हो रही है। दूसरे जिले जाने वाले यात्रियों से कार चालकों द्वारा दोगुनी राशि वसूली जा रही है। वहीं दूसरी ओर जिले के अंदर ऑटो चालक भी यात्रियों से मनमाना पैसा लेकर उन्हें गंतव्य तक पहुंचाते हैं। जबलपुर नाका निवासी सुरेश पटेल ने बताया कि उन्हें जरूरी काम से सागर जाना था, लेकिन कार चालक ने 2800 रुपए लिए। वहीं बालाकोट से दमोह आए निरंजन तिवारी ने बताया कि चार सवारियों के उनसे ऑटो चालक ने 700 रुपए लिए। ऐसे सैकड़ों लोग हैं, जो बसें न चलने से मजबूरी में लुट रहे हैं।
अधिकांश लोग बाइक से कर रहे सफर
बसें न चलने के कारण अधिकांश लोग 100 से 200 किमी तक की दूरी अपनी बाइक पर ही पूरी करते हैं। कई लोग तो बाइक से ही टीकमगढ़, छतरपुर, जबलपुर, सागर, नरसिंहगढ़, कटनी, मैहर तक बाइक से ही आ जा रहे हैं। सागर सदगुंवा में एक निजी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी रजनीश खरे ने बताया कि बसें न चलने से वह रोजाना बाइक से ही सागर आता-जाता है।
यह प्रदेश स्तर का मामला है। बस ऑपरेटर्स की जो भी मांगें हैं, उन्हें शासन को भेजा जाएगा। सरकार ही इस मामले में निर्णय लेगी।

- आरडी दक्ष, आरटीओ



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