हरिकिशन महाराज के प्रकाश पर्व पर किए शबद-कीर्तन
सिक्ख समाज ने मंगलवार को आठवें धर्मगुरु हरिकिशनजी महाराज का प्रकाश पर्व और गुरुद्वारे का 18वां स्थापना दिवस मनाया। सुबह श्री दु:ख निवारण साहेब गुरुद्वारे पर आयोजन हुए। महिलाओं ने सुखमनी साहेेब का पाठ
किया। ज्ञानी हंसराजसिंह ने शबद-कीर्तन किए। गुरुद्वारे पर विद्युत सज्जा की गई। समाजजन ने मत्था टेकर जयकारे लगाए।
समाज अध्यक्ष हरपालसिंह गंभीर ने शादी की 50वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में गुरुद्वारे में चादर की सेवा की। आने वाले सभी संगत को सैनिटाइज्ड व मास्क लगाकर प्रवेश दिया गया। ज्ञानीजी व संगत ने कोरोना महामारी को दूर करने, देश में शांति व खुशहाली की अरदास की। देवेंद्रसिंह गुर ने बताया साहेबश्री गुरु हरिकिशनजी महाराज को बाला प्रीतम कहा जाता है। आपके पिता का नाम हरिराय व माता का नाम कृष्णादेवी था। माता-पिता के नाम से ही आपको हरिकिशन नाम मिला। आप दिल्ली में जहां रहते थे वो जगह आज साहेबजी के नाम से गुरुद्वारे के रूप में सुशोभित है। जहां दिनभर कीर्तन, लंगर चलता है। जब हैजा (चेचक) नामक रोग फैला था तब आपने अपने हाथों से रोगियों की सेवा कर इस रोग को दूर किया था। समाज के इंद्रजीतसिंह गंभीर, सतपाल मोंगा, इंद्रपालसिंह सेठी, अशोक मोंगा, अपारसिंह गंभीर, मंजीतसिंह सलूजा आदि मौजूद थे।
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