आमला में एसडीएम काेर्ट के साथ अपर सत्र न्यायालय शुरू करने की मांग

अभिभाषक संघ आमला ने कुछ दिन पूर्व आमला में एसडीएम लिंक कोर्ट खुलवाने की मांग को लेकर केन्द्रीय कानून मंत्री के साथ मुख्यमंत्री व अन्य विभाग को तहसीलदार के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपकर एसडीएम की लिंक कोर्ट खुलवाने की मांग की थी।

इसके बाद अभिभाषक संघ ने बुधवार को केन्द्रीय कानून मंत्री भारत सरकार के नाम ज्ञापन भेजकर आमला में अपर सत्र न्यायालय खुलवाने की मांग की है। अभिभाषक संघ ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि बैतूल जिला एवं सत्र न्यायालय मुख्यालय की मुलताई तहसील में तीन अपर सत्र न्यायालय और भैंसदेही में एक अपर सत्र न्यायालय वर्तमान में कार्यरत है। जबकि आमला तहसील में व्यवहार न्यायालय ही है। जो कि केवल न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय प्रकरणों का निराकरण होता है। थाना बोरदेही एवं थाना आमला के सत्र प्रकरण एवं सिविल मामलों का विचारण वर्तमान में अपर सत्र न्यायालय मुलताई में होता है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुलताई अपर सत्र न्यायालय में आमला तहसील के दाण्डिक सिविल हिन्दू मैरिज एक्ट अपील एवं अन्य सभी प्रकार के लगभग पांच सौ मामले विचाराधीन हैं। जिनका विचारण तीन सत्र न्यायाधीश द्वारा मुलताई में किया जाता है। आमला तहसील के आसपास के ग्रामों से पक्षकार सार्वजनिक संसाधनों से मुलताई पहुंचते हैं, जहां रेल ससाधनों की कमी है व प्राइवेट संसाधन व बसों के माध्यम से ही पक्षकारगण न्यायालय के समक्ष पहुंचते हैं, जो कि काफी महंगा पड़ता है।

लगातार किए जा रहे प्रयास, नहीं हो रही सुनवाई
अधिवक्ता संध आमला द्वारा अपर सत्र न्यायालय खोलने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अधिवक्ता संघ अध्यक्ष आमला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मिलकर समस्या निराकरण की मांग कर चुका है। किन्तु अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हुआ है। क्षेत्रीय विधायक ने भी अधिवक्ता व आमला की जनता की मांग को उचित बताते हुए अपर सत्र न्यायालय आमला में खोलने के लिए सार्थक प्रयास करने की बात कही है। अधिवक्ता संघ ने भी आमला में शीघ्र अपर सत्र न्यायालय खोलने की मांग की है। संघ का कहना है कि जब तक अपर सत्र न्यायालय के स्थाई नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक लिंक कोर्ट के माध्यम से सुनवाई की जाए।

आमला के पांच सौ मामले अभी तक पेंडिंग
अधिवक्ता संघ आमला ने केन्द्रीय कानून मंत्री नई दिल्ली भारत सरकार को दिए ज्ञापन में बताया है कि व्यवहार न्यायालय आमला में वर्ष 2007 में प्रारंभ हुआ था जिसको 13 वर्ष हो चुके हैं और जिले के मुलताई और भैंसदेही तहसील में अपर सत्र न्यायालय कार्य कर रहे हैं। आमला तहसील होने के बावजूद आमला में 13 वर्ष के बाद भी अपर सत्र न्यायालय शुरू नहीं किया जा सका है। आमला तहसील के लगभग 500 विभिन्न प्रकार के मामले मुलताई अपर सत्र न्यायालय में विचाराधीन हैं। अभिभाषक संघ के राजेन्द्र उपाध्याय, मो. शफी खान, रोशन बेले सहित अन्य ने बताया कि आमला 68 पंचायतों का मुख्यालय है और यहां अपर सत्र न्यायालय क्यों नहीं खोला जा रहा है यह समझ से परे है। मुलताई में तीन अपर सत्र न्यायालय हैं, यदि कार्य विभाजन पत्रक विचाराधीन मामले व नए मामलो का पिछले दस-पन्द्रह वर्षों का अवलोकन किया जाय तो स्पष्ट स्थिति सामने आ जाएगी कि आमला में अपर सत्र न्यायालय खोला जाना कितना आवश्यक है। सर्व सुविधायुक्त न्यायालय भवन न्यायाधीशों के लिए तीन नए आवास, बड़ा क्षेत्रफल वाला न्यायालय परिसर अपर सत्र न्यायालय खोले जाने के लिए उपयुक्त है।



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