पंचायत सचिवों को पांच माह से नहीं मिला वेतन, यदि दो दिन में नहीं मिला तो काम नहीं करेंगे
मप्र प्रदेश पंचायत सचिव संगठन ब्लाॅक शाखा राणापुर ने अपनी मांगों को लेकर मुख्य कार्य पालन जनपद पंचायत के अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। संगठन के अध्यक्ष दुलेसिंह सिंगाड़ ने बताया पंचायत सचिवों को आवंटन के अभाव में पिछले 5 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। जिससे पंचायत के सचिवों को परिवार चलाने में परेशानी आ रही है। उन्होंने सचिवों को तुरंत वेतन का भुगतान किए जाने की मांग की है।
सचिवों ने ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी दी है कि अगर 15 जुलाई तक वेतन नहीं जमा किया गया तो पंचायत सचिव वेतन नहीं तो काम नहीं आंदोलन करेंगे। साथ ही यह भी मांग की है कि शासन पंचायत के सचिवों को प्रतिमाह वेतन दें। ज्ञापन का वाचन करते हुए विक्रम अखाडिया ने कहा मप्र सरकार ने पंचायत के सचिवों को कोरोना योद्धा माना है। सचिवों ने महामारी के समय में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर गांवों में प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाया। गांवों को सैनिटाइज करवाया, मास्क बांटे साथ ही लोगों की हरसंभव सहायता की है। जब शासन ने सचिवों को कोरोना योद्धा माना है उसके बावजूद उनके वेतन के लाले पड़े हैं। ज्ञापन के दौरान प्रमुख रूप से विक्रम अखाड़िया, सोहबत सिंह, धनसिंह मोहनिया, चेनसिंह डोडियार, नाहरसिंह मेड़ा आदि मौजूद थे।
लॉकडाउन में कर्तव्य निभाया: झाबुआ | मप्र पंचायत सचिव संगठन के पदाधिकारियों ने जिपं सीईओ को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष रामसिंह बिलवाल ने बताया मप्र सरकार ने पंचायत सचिवों को कोरोना योद्धा घोषित किया है। सचिवों ने लॉकडाउन में भी अपने कर्तव्य का पालन किया। ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया। लेकिन इन कोरोना याेद्धाओं को पांच माह से वेतन नहीं मिला है। वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। 15 जुलाई तक वेतन का आवंटन जारी कर वेतन दिया जाए। साथ ही गुगल पे एकाउंट से नियमित वेतन भुगतान की व्यवस्था लागू करने की मांग की। अगर समय पर वेतन नहीं मिला तो वेतन नहीं तो काम नहीं आंदोलन के तहत अपने घर पर बैठेंगे।
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