एक अधिकारी के भरोसे लड़ रहे कोरोना से जंग, बाकी पद खाली

जिले में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 700 के करीब पहुंचने वाला है। जिसके लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक डॉक्टर्स व स्वास्थ्य विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों की भागीदारी बढ़ाई जाए। कमोवेश सागर में फिलहाल ऐसा हो पाना संभव नहीं दिखता। डाॅक्टर व प्रशासनिक अधिकारियों की कमी को सीएमएचओ डॉ.एमएस सागर भी स्वीकारते हैं। उनका कहना है कि अगर डॉक्टर्स व प्रशासनिक अधिकारियों के रिक्त पड़े पद भर दिए जाएं तो कोरोना की मॉनीटरिंग व नियंत्रण के चलाए जा रहे कार्यक्रमों का बेहतर तरीके से संचालन किया जा सकेगा। जिले में सीएमएचओ को छोड़ अधिकांश पद खाली पड़े हैं। यानी एक अधिकारी के भरोसे कोरोना के खिलाफ जंग लड़ी जा रही है। अन्य खाली पदों में डीएचओ-1, 2, 3 के अलावा जिला मलेरिया अधिकारी, जिला सर्विलेंस अधिकारी, जिला एपिडेमियोलॉजी, जिला मॉनीटिरिंग एवं इवोल्युशन अधिकारी समेत सहायक जिला कार्यक्रम अधिकारी शामिल हैं।

एक डॉक्टर के हवाले चार-चार जिम्मेदारियां
सुरखी के अस्पताल में पदस्थ डॉ. लोकेंद्रसिंह एक-दो नहीं बल्कि पूरे चार प्रभार लंबे समय से संभाल रहे हैं। वे सुरखी में मरीजों को देखने के अलावा सीएमएचओ कार्यालय में जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ-1) - 2 व 3 का जिम्मा संभाल रहे हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर नहीं

जैसीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर नहीं है। चिकित्सकीय जवाबदारी बिलहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. आरएस धाकड़ व डॉ.अंकितकुमार को दी हैं। छुल्ला, छिरारी, बरकोटी आदि 6 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी एक भी डॉक्टर नहीं है।

मैं भी हैरान हूं, महत्वपूर्ण पद खाली कैसे पड़े हैं?
सागर जिले के दौरे के समय डॉक्टर्स की कमी के बारे में मुझे जानकारी मिली। मैं भी हैरान हूं कि महत्वपूर्ण पद रिक्त होने के कारण यहां की चिकित्सकीय सेवाएं व कार्यक्रम कैसे संचालित हो रहे हैं। सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर से रिक्त पड़े पदों की जानकारी मांगी है ताकि यहां जरूरी पदों पर प्राथमिकता के आधार पर डॉक्टर नियुक्त किए जा सकें।

- डॉ. प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री, मप्र



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