कमल तालाब व खेड़ापति मंदिर के आसपास खेतों में तेंदुआ दिखने से नगर में बनी दहशत

गुरुवार को नगर के कमल तालाब तथा खेड़ापति मंदिर के आसपास खेतों में तेंदूआ दिखाई देने से नगर के किसानों तथा आमजनों में दहशत देखने को मिली। सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला भी सर्चिंग के लिए गया, लेकिन उसे तेंदुए के नहीं मिलने पर बैरंग वापस लौट आया। जबकि सुबह उसने एक गाय को अपना निशाना बनाया था। वहीं खेतों में उसके पगमार्क भी मिले हैं। अभी तक दो गांवों में तेंदुए अपनी दस्तक दे चुके हैं। इसमें से एक को ग्रामीण ने अपनी जान बचाते हुए उसे कुल्हाड़ी से मार गिराया था। उसके बाद भी वन अमला लापरवाही बरत रहा है।
नगर के खेड़ापति मंदिर के अलावा कमल तालाब के आसपास खेतों में तेंदुए का मूवमेंट वहां के लोगों ने देखा था। बुधवार की शाम को एक गाय को उसने अपना शिकार बनाया था। वहीं गुरुवार को सुबह नगर के किसानों के खेतों में चहल-कदमी करते हुए भी देखा गया। साथ ही उन्होंने खेतों में उसके पगमार्क भी देखे। वहीं कुछ ने फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर भी डाले। इसे लेकर वहां के लोगों में दहशत बन गई। इसी तरह नगर के लोग प्रतिदिन खेड़ापति मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। उनको जब तेंदुए का मालूम हुआ तो वह भी नहीं गए। इसी तरह किसान भी अपने खेतों पर नहीं जा सके। खिवनी अभ्यारण की सीमाएं आष्टा, इछावर व कन्नौद तहसील क्षेत्रों के बीच है। वन विभाग के अनुसार यहां पर शाकाहारी पशु काफी कम संख्या में हैं। ऐसे में हिंसक पशु शिकार के लिए राजस्व की भूमि की तरफ रूख करते हैं। 19 अप्रैल को सिद्दीकगंज थाना क्षेत्र के गांव उदयपुर जागीर में एक तेंदुए ने बकरी चरा रहे मामा-भांजे पर हमला कर दिया था। इस दौरान अपनी जान बचाने के बीच तेंदुए को भी गंभीर चोटें आई थीं। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं उसके साथ आया एक शावक भाग गया था। उसकी तलाश के लिए वन विभाग ने एक दो दिन सर्चिंग कर इतिश्री कर ली थी। इसी तरह 26 अप्रैल को दोनिया-बापचा के बीच में एक किसान के खेत में तेंदूआ घुस आया था। उसे पकड़ने के लिए दिन भर वन विभाग, पुलिस, प्रशासन की टीम सक्रिय बनी रहीं, लेकिन शाम होने के बाद अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल में गायब हो गया था। उसका अभी तक भी वन विभाग तलाश नहीं कर सका।

वन विभाग में नहीं संसाधन
आबादी क्षेत्रों में जंगली जानवरों की सूचना पर वन विभाग जाता तो है, लेकिन उसके बाद इसे पकड़ने के कोई संसाधान नहीं हैं। ऐसा ही दोनिया बापचा में देखने को मिला था। राडार पर होने के बाद भी तेंदूआ वन विभाग की टीम नहीं पकड़ सकी थी। क्योंकि उसके बाद कोई साधन नहीं थे।
सर्चिंग के बाद नहीं मिला तेंदुआ, दहशत छोड़कर गायब हुआ
वन विभाग अमला सर्च करता रहा, लेकिन तेंदूआ नहीं मिला है। किसान सुक्कु भाई, खेड़ापति मंदिर पुजारी, अतीक मियां ने बताया कि तेंदुए की गुर्राहट भी हमने सुनी थी तथा उसके पैर भी देखे गए हैं। इसके चलते अब खेतों पर रहने वाले लोग वापस शहर की तरफ आ गए हैं।
सर्चिंग जारी रहेगी
^गुरुवार को तेंदुए होने की सूचना पर वन अमले को सर्चिंग के लिए भेजा गया था। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वह तेंदूआ है या फिर अन्य जंगली जानवर है। फिर भी सर्चिंग की जाएगी।
-सुभाष शर्मा, रेंजर



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Panic created in the city due to the appearance of leopard in the fields around the lotus pond and Khedapati temple


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