बोवनी के बाद लगातार बारिश नहीं होने से सोयाबीन पर हुआ इल्ली का प्रकोप, इस पर दवाई भी बेअसर

बांझ और इल्ली प्रभावित फसलों को लेकर किसान कई दिनों से प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन देते आ रहे हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें काफी नुकसान हुआ है जिसका सर्वे होना चाहिए। बुधवार को कलेक्टर नसरुल्लागंज पहुंचे और उन्होंने प्रभावित सोयाबीन फसलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ मौजूद कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि जहां पर भी कीट ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है वहां पर दवा का छिड़काव किया जाए। इस पर कई किसानों का कहना था कि फसल पर दवाई भी असर नहीं कर रही है।
इल्ली के साथ अफलन की स्थिति : कई खेतों में सोयाबीन के पौधों की बढ़वार अच्छी हो गई लेकिन जब फली लगने का समय आया तो मौसम ने साथ नहीं दिया और फसल बांझ हो गई। सोयाबीन के पौधों में फली ही नहीं लगी। इस तरह से कई जगह खेतों के खेत खाली हो गए।
ब्लाक कांग्रेस ने दिया ज्ञापन: कांग्रेस ब्लाक कमेटी कार्यकर्ताओं और किसानों ने बुधवार को कार्यवाहक अध्यक्ष राहुल गौर के नेतृत्व में दोराहा नायब तहसीलदार को ज्ञापन दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोयाबीन फसल के खराब होने से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत देने और सर्वे कराने की मांग की। साथ ही वनभूमि और राजस्व भूमि पर काबिज गरीब किसानों को भी मुआवजा राशि देने की मांग की गई।

घबराएं नहीं...फसल बीमा योजना का मिलेगा फायदा
कृषि विभाग के उपसंचालक एसएस राजपूत ने बताया कि सोयाबीन की बोवनी होने के बाद लगातार बारिश नहीं होने से वातावरण में आर्द्रता की अधिकता के कारण कीटव्याधि की समस्या हुई है। जिन किसानों ने समय सीमा में फसल बीमा योजना में अपनी फसल का बीमा कराया है उन्हें योजना का लाभ मिलेगा।



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Worm infestation on soybean due to non-continuous rains after sowing, medicine on it is also ineffective


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