भोपाल के टीटी नगर में रावण दहन; श्रीराम के बाण छोड़ते ही 10 सेकंड में जलकर जमीन पर गिरा दशानन

भोपाल में हर साल की तरह इस साल भी बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व विजयादशमी पर धूम तो रही, लेकिन भीड़भाड़ बहुत कम नजर नहीं आई। भोपाल में सबसे पहले टीटी नगर दशहरा मैदान पर रावण दहन किया गया। श्रीराम के बाण छोड़ने के 10 सेकंड के अंदर ही रावण जलकर जमीन पर गिर गया। इससे पहले युद्ध के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान भी मास्क लगाए रहे। पिछले साल यहां पर 55 फीट ऊंचा रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए थे। इस बार सिर्फ 25 फीट ऊंचा रावण ही जलाया गया। यहां 53 साल में पहली बार रावण के कद पर प्रभाव पड़ा है।

कार्यक्रम के दौरान आम लोगों के साथ ही इस बार राम, लक्ष्मण और हनुमान भगवान ने भी मास्क लगाए।

संयोजक अजय श्रीवास्तव नीलू, राजेश वर्मा सोनी और सोनू भाभा ने बताया कि पिछले साल 25 हजार लोगों की भीड़ की तुलना में इस बार यहां पर महज 2 हजार से भी कम लोग शामिल हो सके। लोगों की भीड़ रोकने के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन की टीम भी लगातार सभी आयोजन स्थलों पर नजर रखे हुए है। टीटी नगर में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और कैलाश मिश्रा मुख्य रूप से मौजूद रहे।

टीटी नगर में रावण दहन के दौरान बहुत कम संख्या में लोगों को शामिल किया गया।

घरों में शस्त्र पूजन किए गए
रावण दहन से पहले शहर में पुराने शहर में चल समारोह देर शाम निकाला जा सका। यह दोपहर 2 बजे बाद निकाला जाना था, लेकिन यह देर शाम निकाला गया। चिंतामन चौराहा, युनानी शफाखाना, सुल्तानिया रोड, चौकी चौक, घोड़ा नक्कास, बस स्टैंड, छोला रोड, अग्रवाल धर्मशाला होते हुए छोला दशहरा मैदान तक गया। इस बार घर-घर में शस्त्र और शास्त्रों की पूजा कर दशहरा पर्व उत्साह से मनाया गया। इस बार किसी भी समाज के सार्वजनिक रूप से कार्यक्रम नहीं किए गए।

मध्यप्रदेश राजपूत समाज, संस्था ने विजयादशमी के अवसर पर महाराणा प्रताप भवन भोपाल में शस्त्रों की पूजा अर्चना की। पहली बार जुलूस नहीं निकाला गया।

राजपूत समाज ने धर्मध्वज और बंदूकें की पूजा की
मध्यप्रदेश राजपूत समाज, संस्था द्वारा आज विजयादशमी के अवसर पर महाराणा प्रताप भवन चार इमली मेन रोड क्रमांक-3 भोपाल में परंपरागत राजपूताना शस्त्र पूजन किया गया। समाज के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट विनय भदौरिया ने बताया कि इस अवसर पर कोविड-19 में जिन सामाजिक बंधुओं ने समाज द्वारा जनहित में चलाए गए सेवा परमोधर्म अभियान के तहत लगातार 35 दिन भोपाल के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भोजन वितरण किया ऐसे 25 समाजसेवियों को प्रणाम पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया। इस बार किसी तरह का जुलूस आदि नहीं निकाला गया, लेकिन सिर्फ शस्त्र पूजन किया गया।

कई जगह सिर्फ सांकेतिक दहन हुआ
हर साल दशहरे पर रावण दहन के पूर्व धूमधाम से विभिन्न मार्गों से विजय जुलूस निकाले जाते थे। यह दशहरा मैदान पहुंचते थे। यहां रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण कई समितियां जुलूस नहीं निकाले गए। सिर्फ सांकेतिक तौर पर पुतलों का दहन किया गया। ज्यादा भीड़ न हो इसके लिए समिति द्वारा किसी को भी आमंत्रण पत्र या पास नहीं दिए गए। पुरे इलाके को बेरीकेड्स लगाए गए। कार्यक्रम में सिर्फ समितियों के सदस्यों और कुछ प्रमुख लोगों को ही शामिल होने की अनुमति रही।

यहां रहे रावण दहन के आयोजन
हिन्दू उत्सव समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष कैलाश बेगवानी ने बताया कि हर साल चल समारोह में 20 से 25 ट्राले शामिल रहते थे। इस बार सिर्फ तीन ट्रालों पर ही चल समारोह निकाला गया। इस बार रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को मास्क पहनाए गए। कोलार में सिर्फ 12 फीट ऊंचे रावण के पुतले रखा गया। संयोजक रविंद्र यति ने बताया कि कोरोना को देखते हुए यह निर्णय लिया था। इसमें आयोजन में समिति के पदाधिकारी ही आमंत्रित बुलाए गए थे।



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भोपाल में सबसे पहले टीटी नगर में रावण दहन हुआ। श्री राम के बाण छोड़ने के 10 सेकंड के अंदर ही रावण पूरी तरह जलकर जमीन पर गिर गया।


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