4 साल से जीर्णोद्धार रुका, क्योंकि बजट खत्म; सन् 1644 में भदौरिया शासक ने प्रारंभ कराया था निर्माण कार्य

चंबल नदी से 2 किलोमीटर दूर अटेर किले को पुराने स्वरूप में लाने के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग ने सात साल पहले जीर्णोद्धार शुरू कराया था। इस दौरान किले के जीर्णोद्धार के काम में उड़द की दाल, गोंद, सफेद सीमेंट, बजरी के पेस्ट से एक-एक ईंट को जोड़ा गया था। दो साल काम करने के बाद बजट नहीं हाेने से ठेकेदार ने काम बंद कर दिया। जिला पुरातत्व अधिकारी वीरेंद्र पांडे ने कहा कि बजट आने पर काम फिर से शुरू कर दिया जाएगा।

किले में 17 बुर्ज और 4 प्रवेश द्वार हैं
किले का निर्माण कार्य सन् 1644 में भदौरिया शासक राजा बदन सिंह ने प्रारंभ कराया था। सन् 1668 में महासिंह भदौरिया के कार्यकाल में इसका निर्माण पूरा हुआ। इसमें 17बुर्ज और चार प्रवेश द्वार हैं। महाभारत में जिस देवगिरी पहाड़ी का उल्लेख आता है। यह किला उसी पहाड़ी पर बना हुआ है।



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Restoration halted for 4 years, as the budget runs out; Bhadoria ruler started construction work in 1644


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