मुख्य दलों के प्रत्याशियों को जाति के वोट कटने का डर, निर्दलीय की पूछ-परख बढ़ी

उपचुनाव के महासमर में भाजपा, कांग्रेस, बसपा भले ही सर्व समाज के बलबूते पर चुनाव लड़ने का दावा करें लेकिन हकीकत यह है कि जातिगत फैक्टर हर जगह हावी है। चाहे टिकट वितरण हो या जीत-हार का गणित। हर पार्टी व प्रत्याशी जातिगत वोटों के आधार पर ही काम कर रहे हैं। इसी सिलसिले में प्रत्याशी अब निर्दलियों की मान-मनौव्वल में जुट गए हैं। मुरैना विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी राकेश मावई के समर्थन में पूर्व सीएम कमलनाथ की सभा में 2 निर्दलीय यूनिस खां और ओमप्रकाश गुर्जर ने चुनाव में बैठने का एलान किया। इन दो निर्दलीयों से कांग्रेस को मुस्लिम और गुर्जर वोट कटने का डर था।

वहीं, दिमनी में कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र सिंह तोमर के समर्थन में ही कमलनाथ की सभा में गोंडवाना पार्टी के राजकुमार तोमर ने समर्थन देने का ऐलान किया। ये निर्दलीय भी कांग्रेस प्रत्याशी के सजातीय थे। इनसे इन्हें अपनी ही जाति का वोट कटने का डर था। वहीं जौरा में धनीराम कुशवाह नामक प्रत्याशी ने कांग्रेस के समर्थन में अपना फॉर्म वापस खींच लिया। मान-मनौव्वल का दौर अभी भी जारी है और 3 नवंबर को वोटिंग से ऐन पहले तक निर्दलियों को मनाकर समर्थन जुटाने की कवायद में अधिकांश पार्टियों के प्रत्याशी जुटे हुए हैं।

सामाजिक दबाव में कहीं प्रयास जारी, कहीं निर्दलीय पड़ रहे भारी
उपचुनाव में छोटे-बड़े दलों व निर्दलियों सहित 5 प्रत्याशी मैदान से हटने के बाद 64 प्रत्याशी मैदान में शेष हैं। अब भाजपा, कांग्रेस व बसपा से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी अपने-अपने समाज के लोगों को समर्थन में बैठाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन उनके प्रयास विफल भी हो रहे हैं। मुरैना विस से निर्दलीय मैदान में कूदे राजीव शर्मा को इसी विस से चुनाव लड़ रहे रामप्रकाश राजौरिया ने समाज की पंचायत के माध्यम से मनाने की कोशिश की। लेकिन उनका प्रयास विफल हो गया। शर्मा कहते हैं कि मैं किसी व्यक्ति व पार्टी विशेष के खिलाफ नहीं हूं। मेरा एक ही मानना है कि जनता किसी प्रत्याशी को नहीं अच्छे इंसान को चुने और मैं अपना स्व-मूल्यांकन कर चुका हूं। इसलिए चुनाव मैदान से हटने का कोई सवाल ही नहीं है।

नाखुश यह प्रत्याशी भी मैदान में ठोक रहे ताल
जिले की 5 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कई उम्मीदवार पार्टी व प्रत्याशियों से नाखुश होकर छोटे दल व निर्दलीय मैदान में हैं। इनमें अंबाह विस से भाजपा के बागी वंशीलाल सपा से, दिमनी से कांग्रेस के बागी अनार सिंह तोमर सपा से, निर्दलीय राजश्री शर्मा, सौरभ व्यास, धीरेंद्र कुमार शर्मा, मुरैना विस से बसपा के बागी राजीव शर्मा मैदान में हैं।

कांग्रेस के लिए प्राण-प्रण से काम कर रहा हूं
मैं बसपा प्रत्याशी से नाराज था। क्योंकि वह हर चुनाव में कूंद पड़ते हैं, समाज के किसी दूसरे व्यक्ति को मौका नहीं दे रहे। चूंकि मैं कांग्रेस से जुड़ा रहा हूं लेकिन मेरे निर्दलीय चुनाव लड़ने से कांग्रेस को नुकसान होता, इसलिए मैने अपनी स्वेच्छा से फॉर्म खींच लिया और कांग्रेस के लिए प्राण-प्रण से काम कर रहा हूं।
धनीराम कुशवाह, जौरा विस

कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया
मेरी पत्नी जनपद सदस्य रही है। मेरे पास 20-25 हजार वोट की पूंजी है। मैं राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी से चुनाव लड़ने मैदान में उतरा। लेकिन सोचा कि मेरी वजह से समाज सहित अन्य बिरादरी के वोट कटने से कांग्रेस को नुकसान होगा। मेरी वैचारिक लड़ाई भाजपा से है, इसलिए मैंने मंच से कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया।
ओमप्रकाश गुर्जर, मुरैना विस

अपना समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी को मंच से दिया
मैं दिमनी विस से चुनाव लड़ता लेकिन हमारे ही समाज के प्रत्याशी कांग्रेस से मैदान में हैं। मेरी वजह से कांग्रेस का नुकसान होता। इसलिए मैंने समाजहित में अपना समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी को मंच से दिया।
राजकुमार तोमर, दिमनी विस



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प्रतीकात्मक फोटो


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