आरक्षक पति ने गोल्ड लोन के लिए गहने मांगे तो तलाक तक पहुंची नौबत; पति बोला- कभी गहने नहीं मांगूंगा, तब लौटी पत्नी

पारिवारिक झगड़े का निराकरण करने के लिए लोग पुलिस से मदद मांगते है, लेकिन एक आरक्षक को अपना परिवार बचाने के लिए जिला विधिक प्राधिकरण में गुहार लगाना पड़ी। दरअसल, आरक्षक पति को मकान बनाने के लिए गोल्ड लोन के लिए पत्नी से गहने मांगना महंगा पड़ गया। विवाद इतना बढ़ा कि नाराज होकर पत्नी मायके चली गई। मामला तलाक तक पहुंच गया। प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने दोनों को बुलाकर समझौता कराया। पत्नी को मनाने के लिए पति को लिखित में देना पड़ा कि वह पत्नी से कभी भी गहने नहीं मांगेगा।
शर्मा ने बताया कि उनके पास एक आरक्षक ने आवेदन दिया कि पत्नी उससे झगड़ा करके मायके चली गई है। उसने गोल्ड लोन के लिए गहने मांगे थे, ताकि अधूरे मकान का निर्माण पूरा हो सके। इसको लेकर पत्नी ने झगड़ा किया। वह शादी में चढ़ाए जेवर, लोन के चार लाख रुपए और चेक लेकर चली गई है। इससे घर का निर्माण भी रुक गया है। वह पत्नी को नाराज नहीं करना चाहता था। उसके कहने पर ही वह जैसे-तैसे लोन पर रुपए लेकर मकान बना रहा है। यदि पत्नी नहीं आई तो सब कुछ बिखर जाएगा। इस मामले में तीन बार काउंसलिंग की गई। इसके बाद दोनों के बीच समझौता हो गया।
काउंसलिंग में पत्नी बोली- घर तभी लौटूंगी, जब शर्तें मंजूर हों
काउंसलिंग में पत्नी कहा कि कुछ भी हाे जाए, वह गहने नहीं देगी। चाहे मकान बने या नहीं। गहने ही जमा पूंजी हैं, वह उसे बर्बाद नहीं होने दे सकती। पत्नी ने कहा कि पति पहले भी ऐसा कर चुके हैं। इसलिए वह धोखा खा चुकी है। उसने आरोप लगाया कि पति शराब पीकर झगड़ा करते हैं, जिससे वह परेशान हो गई। वे नानवेज खाते हैं, जो उसे पसंद नहीं है। पति ने शिकायत को दूर करने लिखित में दिया कि वह न गहने मांगेगा और न ही शराब और नानवेज को हाथ लगाएगा। इसके बाद पत्नी ने घर जाने पर सहमति जताई।
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