कोर्ट ने एट्रोसिटी केस में जमानत दी तो पुलिस ने धमकाने के केस में गिरफ्तारी बता दी; बाबा 1 दिन के रिमांड पर
हाईकोर्ट के आदेश के बाद एट्रोसिटी एक्ट सहित दो मामलों में सोमवार को कम्प्यूटर बाबा की दो जमानत अर्जी पर जिला व सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई। गांधी नगर थाने द्वारा बाबा के खिलाफ जातिसूचक शब्द कहे जाने के मामले में जो केस दर्ज किया था, उसमें 25 हजार रुपए की राशि पर जमानत मिल गई। वहीं, तलवार वाले मामले में कोर्ट ने बाबा को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। एरोड्रम पुलिस मामले में पूछताछ करेगी। 17 नवंबर को पुन: बाबा को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
वकील के अनुसार बाबा पर गांधी नगर थाने में जातिसूचक शब्द कहने और शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज था। उस मामले में विशेष न्यायालय द्वारा उन्हें 25 हजार रुपए की राशि पर जमानत दी गई। एरोड्रम थाने में अंबिकापुरी के रहवासियों को धमकाने और मारपीट मामले में न्यायालय ने एक दिन का पुलिस रिमांड दिया है। दोनों ही मामले में रिमांड मांगा गया था। तलवार आदि जब्ती के लिए एरोड्रम पुलिस को रिमांड मिला है। बुधवार को पुलिस को फिर से न्यायालय में पेश करना है।
हाई कोर्ट ने रविवार को की थी सुनवाई
कम्प्यूटर बाबा की ओर से अधिवक्ता रवींद्र सिंह छाबडा ने बंदी प्रत्यक्षीकरण (कोर्ट के सामने पेश करने) याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी। याचिका में उल्लेख किया कि विगत 8 नवंबर को बाबा सहित सात को गिरफ्तार किया था। इनमें से छह को छोड़ दिया, लेकिन बाबा की जमानत पर फैसला नहीं दिया जा रहा। वहीं, घटना के लगभग सात दिन बाद एट्रोसिटी एक्ट का फर्जी मुकदमा दायर कर लिया। पिछले दिनों एसडीएम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर जिला व सत्र न्यायालय में रिवीजन दायर की थी। बताया गया कि पांच लाख की बैंक गारंटी पर जमानत दे दी है, लेकिन एसडीएम कोर्ट में बैंक गारंटी लेने को तैयार नहीं थी। उल्टा दो केस और दर्ज लिए गए। जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा, जस्टिस विवेक रुसिया की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए आदेश दिए कि एसडीएम पांच लाख की बैंक गारंटी स्वीकार करे। इसमें परेशानी हो, तो इतनी ही राशि के निजी बांड पर बाबा को जमानत दी जाए। वहीं, एट्रोसिटी एक्ट मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि सोमवार को ही उनकी अर्जी पर निचली अदालत सुनवाई कर आदेश पारित करे।
दूसरी बार हुई थी जमानत याचिका खारिज
कम्प्यूटर बाबा की जमानत याचिका गुरुवार को दूसरी बार एसडीएम कोर्ट से खारिज हो गई थी। एसडीएम ने आदेश में बाबा द्वारा दी गई व्यक्तिगत गांरटी को अमान्य करते हुए पांच लाख की बैंक गारंटी व अन्य सुरक्षा कोर्ट में पेश करने पर ही जमानत पर विचार करने की बात कहकर दूसरी बार भी याचिका निरस्त कर दी थी।
8 नवंबर को जमींदोज किया था आश्रम
जिला प्रशासन ने 8 नवंबर को ग्राम जम्बूडी हप्सी के खसरा नंबर 610/1 और 610/2 की 46 एकड़ से ज्यादा जमीन में से दो एकड़ पर फैले लग्जरी आश्रम के अवैध कब्जे तोड़ने की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। आश्रम को चार पोकलेन की मदद से ध्वस्त किया गया था। इस दौरान अशांति फैलाने के आरोप में बाबा और उनके सहयोगी रामचरण दास, संदीप द्विवेदी, रामबाबू यादव, मोनू पंडित, जगदीप सहित कुल सात लोगों को एसडीएम राजेश राठौर द्वारा अगले आदेश तक जेल भेज दिया गया था। कार्रवाई के दौरान करीब 100 जवानों के फोर्स के साथ एसपी पश्चिम महेशचंद जैन, एएसपी प्रशांत चौबे, तीन सीएसपी, पांच टीआई सहित कंट्रोल रूम का रिजर्व बल और डीआरपी लाइन के रिजर्व बल के जवान मौजूद थे।
9 नवंबर को भी दूसरे कब्जों को ढहाया था
प्रशासन ने सुपर कॉरिडोर पर करीब पांच करोड़ मूल्य की 20 हजार वर्गफीट जमीन मुक्त कराई थी। इसके लिए इस जमीन पर दो कमरे और करीब 1200 वर्गफीट पर निर्माण था। बाकी जमीन खुली थी। इसका कब्जा मुक्त होते ही आईडीए ने दोपहर में ही अफसरों को भेज दिया। सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक, यहां सड़क बनाई जाएगी। इसके बाद टीम अंबिकापुरी एक्सटेंशन के देवी मंदिर पहुंची। यहां बाबा ने कब्जा कर भवन बना रखा था। इसे लेकर रहवासी संघ कई शिकायतें कर चुका है। प्रशासन ने आश्रम खाली कराया और भवन रहवासी संघों को सौंप दिया। दीवार पर सूचना भी लिखवा दी कि अब ये सार्वजनिक संपत्ति है। इसका संचालन व रखरखाव अंबिकापुरी मेन व एक्सटेंशन रहवासी संघ करेगा।
आश्रम से 10 ट्रक सामान मिला था
आश्रम से दस ट्रक सामान निकला था। सामान हटाने में निगमकर्मियों को दो घंटे लग गए थे। इसमें महंगे सोफे, टीवी, एसी, फ्रिज, अलमारी, कार जो मूसाखेड़ी के किसी रमेश सिंह तोमर के नाम पर है। इसके अलावा बंदूक, बुलेट, महंगी क्रीम, साबुन आदि शामिल था।
2014 से राजनीति करने की चाह
1965 में जन्मे नामदेव दास त्यागी को नरसिंहपुर में साल 1998 में एक बाबा ने उनके गैजेट प्रेम और हमेशा लैपटॉप साथ में रखने के चलते कम्प्यूटर बाबा नाम दिया था। साल 2014 में उन्होंने आम आदमी पार्टी से उन्हें उम्मीदवार बनाने की मांग की थी, लेकिन बात नहीं बनी। साल 2018 में सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नर्मदा यात्रा में हुए पौधारोपण को लेकर आरोप लगाए और यात्रा की घोषणा की। अप्रैल 2018 में राज्यमंत्री बना दिए गए। बाद में भाजपा से मोहभंग हुआ और कांग्रेस की तरफ झुक गए। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की जीत के लिए यज्ञ भी किया।
हमेशा सुर्खियों में रहे
- बाबा ने गोम्मटगिरि आश्रम की जमीन पर हुए विवाद के बाद सबसे पहले राजबाड़ा पर आमरण अनशन किया था। उस समय तत्कालीन मंत्री और वर्तमान भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अनशन खत्म करवाया था।
- अंबिकापुरी स्थित श्रीसिद्ध कालीधाम मंदिर को लेकर हुई हत्या के मामले में भी बाबा को लेकर आरोप लगे थे।
- 2011 में कम्प्यूटर बाबा ने गोम्मटगिरि आश्रम पर लघु कुंभ आयोजित किया था। इसके प्रचार के लिए उन्होंने हेलिकॉप्टर से गांव-गांव में पर्चे वितरित किए थे।
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