2495 शहर में एक्टिव केस, 1700 होम आइसोलेशन में, सबसे ज्यादा 149 कोलार में

कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। होम आइसोलेशन में जाने वाले मरीजों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इनकी निगरानी का कोई सिस्टम नहीं हैं। ऐसे में होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीज बेधड़क बाहर घूम रहे हैं। अब कोरोना मरीज के घर के सामने न बैरिकेडिंग हो रही है, न पोस्टर लग रहे हैं। कंटेनमेंट में भी नहीं बनाया जा रहा है। ऐसे में लोगों को पता ही नहीं चल पा रहा है कि उनका पड़ोसी कोरोना पॉजिटिव है।

वर्तमान में 2495 एक्टिव मरीजों में 1700 होम आइसोलेशन में हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 149 मरीज कोलार में हैं। जबकि, अरेरा कॉलोनी में 93 व नेहरू नगर/कोटरा में 86 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। नए शहर में जो कोरोना मरीज मिल रहे हैं उनमें से 60 से 70% लोग होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराना पसंद कर रहे हैं, लेकिन पुराने शहर में ऐसा नहीं है। कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में रहने के बजाय अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज कराना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

प्रशासन की लापरवाही से ऐसे बिगड़ रहे हालात
जानकारी छिपाई, घूम रहे पॉजिटिव मां-बेटा

कोलार के कृष्णा कॉम्पलेक्स में रहने वाले दंपती व उनका दो साल का बेटा 20 नवंबर से कोरोना पॉजिटिव हैं। पड़ोसियों व दुकानदारों ने बताया कि 24 नवंबर को शाम 6:30 बजे महिला अपने बच्चे के साथ बाहर गईं और खरीदारी करके आईं। पड़ोसी मिले तो उन्होंने पति को वायरल फीवर होने की बात कही थी।

जहां मरीज, उसी घर में लोगों की आवाजाही
नेहरू नगर के जिस घर में 4 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, उसमें लगातार लोग आना-जाना कर रहे हैं। यही नहीं, बच्ची घर के बाहर खेल रही है। लेकिन पड़ोसियों की दहशत का आलम यह है कि आसपास के लोगों ने अपने घरों में ताले लगा रखे हैं।

अब पता नहीं लगता पड़ोस में है कोरोना
प्रशासन द्वारा कोरोना मरीज के घर पर पोस्टर और बैरिकेडिंग बंद करने से पड़ोसी को भी पता नहीं चलता है कि उनके बगल में पॉजिटिव मरीज है। वीआईपी रोड स्थित एक अपार्टमेंट में एक परिवार में 4 लोग होम आइसोलेशन में हैं, लेकिन पड़ोसी को इसके बारे में जानकारी नहीं हैं।

अब 5 हजार का जुर्माना करेंगे
होम आइसोलेशन में रखे गए मरीज घर से बाहर घूमते मिलते हैं तो पांच हजार रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा। ऐसे मरीजों के घर पर पोस्टर लगाए जाएंगे। इसके अलावा जल्द ही कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे।
-अविनाश लवानिया, कलेक्टर

लोग अपनी जिम्मेदारी समझें
कोरोना मरीज को होम आइसोलेशन में रखा गया है तो यह उनकी खुद की जिम्मेदारी है कि वे घर में रहें। इधर-उधर घूमने से वे दूसरों को संक्रमण दे सकते हैं। इसलिए लोगों को सख्ती से इसका पालन करना चाहिए।
-डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ



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ऐसी लापरवाही के नजारे शहर के कई इलाकों में देखे जा सकते हैं। नेहरू नगर में कोरोना पॉजिटिव मरीज के घर का गेट खुला है, जबकि पड़ोसी अपने घर के ताले लगाकर अंदर बंद हैं।


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