एक माह में सब्जियों के थोक रेट 50% तक घटे, लेकिन फुटकर में राहत नहीं

हर साल नवंबर में सर्दी में सब्जियों की आवक बढ़ने के बाद दामों में कमी देखने को मिलती है, लेकिन इस बार हालात अलग हैं। आवक तो भरपूर हो रही है। लेकिन दाम कम नहीं हो रहे। टमाटर, फूलगोभी और पत्ता गोभी समेत सभी हरी सब्जियां बाजार में 30-45 रुपए प्रतिकिलो ही बिक रहीं हैं। इनके साथ प्याज और आलू के दाम अब भी तेज बने हुए हैं। अधिकतर सब्जियों के दाम थोक बाजार में कम हो रहे हैं। लेकिन लोगों को फुटकर मंडियों और ठेलों में सब्जियां महंगी ही मिल रहीं हैं। कई सब्जियां नीलाम भाव से दोगुने और तिगुने दामों पर मिल रहीं हैं।

बुधवार को करोंद मंडी में गिलकी महज 12 रुपए किलो नीलाम हुई। लेकिन फुटकर बाजार में इसके दाम 40 रुपए हैं। मुलताई से आकर 10 रुपए किलो नीलाम हो रही पत्तागोभी भी 30 रुपए बिक रही है। जानकार कहते हैं कि आलू प्याज के दाम कम न होने के कारण छोटे दुकानदार दूसरी सब्जियां भी ऊंचे दामों पर ही बेच रहे हैं। बाजार में एक माह पहले की स्थिति से तुलना करें तो हरी सब्जियों के दाम ठेलों पर ज्यादा कम नहीं हुए। हालांकि थोक बाजार में इनके दाम 50% रह गए हैं। आलू और प्याज के दामों में ही इतनी कमी नहीं आई। थोक सब्जी विक्रेता राजेंद्र सैनी कहते हैं कि थोक में सब्जियों के दाम तेजी से कम हुए हैं। लेकिन फुटकर में यह असर नहीं देखा जा रहा है।

इंदौर से भोपाल में आलू-टमाटर सस्ते
जिला प्रशासन ने बुधवार को आलू, प्याज और टमाटर के रेट जारी किए हैं। इसके अनुसार भोपाल में टमाटर 35 रुपए, आलू और प्याज 40 रुपए किलो बिक रहे हैं, जबकि इंदौर में टमाटर 38 रुपए और आलू 42 रुपए किलो मिल रहा है।

कब तक घटेंगे दाम
अब दिसंबर के पहले हफ्ते से दाम कम हो सकते हैं। नई प्याज की आवक शुरू हो चुकी है। आलू भी पंजाब और हरियाणा के साथ छिंदवाड़ा से अाने लगा है। आगाम 10-15 दिनों में दूसरे शहरों से भी आवक बढ़ सकती है।



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नीलामी से दोगुने-तिगुने भाव पर हो रही बिक्री


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