फोरलेन में सर्विस रोड का निर्माण बन रहा बाधा, दूसरा प्रस्ताव भेजा जाएगा दिल्ली

झांसी-खजुराहो फोर लेन में निवाड़ी तिगैला पर सर्विस रोड निर्माण में हो रही विसंगितियों को दूर करने व्यापारियों के साथ शनिवार को जिला प्रशासन ने बैठक कर मुख्य सड़क का दूसरा प्रस्ताव तैयार कराया। जिसमें व्यापारियों की मांगों को रखकर नए सिरे से निर्माण कराने के लिए दूसरा प्रस्ताव दिल्ली भेजा जाएगा। बैठक के दौरान व्यापारियों ने कमियां बताई तो कंपनी के अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया। वहीं अधिकारियों द्वारा व्यापारी और कंपनी की हुई बैठक में प्रोजेक्ट डायरेक्टर नदारद रहे।
दरअसल एनएएचआई द्वारा निवाड़ी तिगैला पर बनाई जा रही फोर लेन मुख्य सड़क की चौड़ाई बढ़ाकर सर्विस रोड की चौड़ाई को कम कर दिया। जिसके विरोध में व्यापारियों ने धरना-प्रदर्शन कर चौड़ीकरण कराने की मांग की। लोगों द्वारा क्रमिक अनशन भी आरंभ किया था। इस समस्या को सुलझाने के लिए विधायक अनिल जैन भी मौके पहुंचे थे।
जिन्होंने जिला प्रशासन के आला अधिकारी और एनएच के अधिकारियों को मौके पर बुलाया था, लेकिन एनएच के अधिकारी मौैके पर नहीं पहुंचे। निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के दौरान विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों ने कंपनी की गलती मानी थी। इसके बाद बैठक करने का निर्णय लिया था। जिसमें नए सिरे से दूसरा प्रस्ताव तैयार किया गया।
कलेक्टोरेट सभागार में अपर कलेक्टर एसके अहिरवार व एसडीएम वंदना राजपूत ने एनएच के अधिकारियों एवं आपत्तिकर्ताओं के साथ बैठक ली। बैठक में सड़क निर्माण में पैदा हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए विचार विमर्श कर सर्व सहमति से दूसरा प्रस्ताव बनाया।
बैठक में शामिल नहीं हुए प्रोजेक्ट डायरेक्टर
बैठक में प्रोजेक्ट डायरेक्टर पुुरुषोत्तम चौधरी के शामिल होने से आपत्तिकर्ताओं द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक को तबज्जो न दिए जाने पर आपत्तिकर्ताओं में निराशा देखी गई। बैठक में एनएच की ओर से इंजीनियर अतुल पुण्डीर, कंसल्टेंट दुजेंद्र शुक्ला, पीएनसी के सीपीएम शर्मा शामिल हुए।
दुकानें व मकानों को अधिग्रहीत करने का विचार एक मत से खारिज किया
मुख्य सड़क आरईवॉल(सीमेंट की प्लेट लगाकर मिट्टी का भराव) जो 30 मीटर चौड़ी प्रस्तावित है। उसे 25 मीटर करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। जिससे दोनों ओर ढाई-ढाई मीटर की जगह मिल सकेगी। इसमें केंद्र का बजट भी कम खर्च होगा। इस प्रस्ताव को सक्षम कार्यालय दिल्ली में स्वीकृति के लिए भिजवाया जाए।
जिस पर आपत्तिकर्ताओं ने सहमति व्यक्त की। दोनों ओर की दुकानों और मकानों को अधिग्रहीत करना अव्यवहारिक पाया गया। क्योंकि इसमें एक साल से अधिक का समय लगेगा तथा मुआवजे के रूप में करोड़ों रुपए खर्च होगा। इसलिए दुकानें व मकानों को अधिग्रहीत करने का विचार एक मत से खारिज किया गया।
खामियाें को उजागर किया, नहीं सुना
बैठक के दौरान स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण में पैदा हुई तकनीकि खामियों को उजागार किया गया, लेकिन एनएच के अधिकारियों ने एक भी सवाल का जबाव नहीं दिया। गुणवत्ता को लेकर कमियां बताई। जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। बैठक के दौरान आपत्तिकर्ता काफी आक्रोश दिखे और उन्होंने कहा कि जल्द ही यह मुद्दा नहीं सुलझा तो आंदोलन को आगे बढ़ा दिया जाएगा। इस दौरान पीडी गुप्ता, आस्तिक बाजपेयी, राकेश दांगी, अजय गुप्ता, वीरेंद्र सिंह दांगी, मनोज गुप्ता, मनोज बड़ोनिया, भागीरथ तिवारी, मनीष गुप्ता, पारस नायक, राजेश बड़ोनिया सहित अनेक लोग शामिल थे।
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