यहां कुछ भी नैक जैसा नहीं:पांच साल में न शोध हुए और न पद भरे, प्लेसमेंट सेल भी पिछड़ी, अभी मूल्यांकन हो तो हमारी यूनिवर्सिटी को तो ए-ग्रेड भी न मिले

इससे पहले नवंबर 2015 में हुआ था मूल्यांकन, अब कागजी कार्रवाई व बैठक का दौर जारी

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