ऑनलाइन के नाम पर छलावा:सिर्फ प्रोजेक्ट स्मार्ट हुए, सिस्टम नहीं; हर हाथ में मोबाइल, लेकिन लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए काटना पड़ रहे दफ्तरों के चक्कर

सेल्फ मीटर रीडिंग सुविधा सिर्फ कागजों पर, बिजली बिल जमा करने के बाद भी भरना पड़ती है पेनाल्टी,नगर निगम के पोर्टल पर तमाम सिटीजन सर्विसेस ऑनलाइन लेकिन फिर भी लगना पड़ता है लाइन में,कहीं कनेक्टिविटी न मिलने के कारण परेशानी तो कहीं सॉफ्टवेयर सिंक्रोनाइज्ड नहीं,अधिकतर ऑनलाइन सुविधाओं के लिए संबंधित एजेंसी के दफ्तर में जाकर ही करना पड़ा है आवेदन

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