15 दिन तक पड़ोसियों ने बेटे को चाय, दूध, नाश्ता, खाना सब दिया
सुदामा नगर निवासी कपिल भल्ला आईडीए जनसंपर्क अधिकारी हैं। वे बताते हैं क्वारेंटाइन केंद्रों में भोजन की व्यवस्था संभालने का दायित्व था। इस दौरान संक्रमित हुआ। 8 अप्रैल से बुखार आ रहा था। सीएचएल अस्पताल में जांच करवाई तो 13 अप्रैल को मैं पॉजिटिव निकला। 14 अप्रैल को पत्नी व 16 अप्रैल को पिताजी पॉजिटिव निकले। मुझे अरबिंदो शिफ्ट कर दिया। पत्नी और पिताजी को अन्य अस्पताल में भेजा।
18 को बड़ा बेटा पॉजिटिव निकला। हम सब अस्पताल चले गए। छोटा बेटा वरुण अकेला रह गया था, तो पड़ोसी आशीष शील, अंजलि घोष, आनंद शील ने चाय, दूध, नाश्ता से लेकर दोपहर का खाना, शाम की चाय और रात के खाने की पूरी व्यवस्था की। पड़ोसियों ने 15 दिन तक माता-पिता का फर्ज निभाया। किसी तरह का भेदभाव नहीं किया। बेटे को मानसिक रूप से भी मजबूत करते रहे। मुझसे लगातार कॉल करके पूछते रहे कि किसी भी चीज की जरूरत हो तो बताना।
किसी भी मुसीबत में रिश्तेदार बाद में पहले पड़ोसी पहुंचते हैं। सुख-दुख में पड़ोसी पहले खड़े होते हैं। डिस्चार्ज होकर घर लौटे तो पड़ोसियों और मोहल्लेवासियों ने शंख, तालियां, थालियां, पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। हम अपने आपको बड़े सौभाग्यशाली मानते हैं कि हमें ऐसे लोगों का साथ मिला। लगता है सभी के लिए आभार छोटा शब्द है।
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