क्वारेंटाइन सेंटर में जाने से बचने के लिए ढूंढ़ा तरीका, बाहर से आ रहे मजदूर जांच से पहले खा रहे पेरासिटामोल
हॉटस्पॉट से आने वाले मजदूर ग्वालियर स्टेशन पहुंचने के आधा से एक घंटे पहले पेरासिटामाेल की गोली खा रहे हैं, ताकि बुखार उतर जाए और वे स्टेशन में की जाने वाली थर्मल स्क्रीनिंग मेंपकड़े में नहीं आएं, जिससे आसानी से घर पहुंच सकें। यह खुलासा 18 मई को सोलापुर से आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में पेरासिटामाेल के बड़े पैमाने मंे रैपर मिलने के बाद हुआ है। इससे आरपीएफ के जवान सकते में हैं। इस बात को लेकर आरपीएफ जवानों को रेलवे प्रशासन ने निर्देश दिया है कि ट्रेन मंे गश्त करने के दौरान मजदूरों पर नजर रखें, जो इस तरह की गोली का सेवन करते पाए जाएंगे उनकी काेरोना की जांच हॉस्पिटल भेजकर कराई जाए, जिससे यह पता चल सके कि ऐसे मजदूर कहीं कोरोना संक्रमण के शिकार तो नहीं। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों को चकमा देने के लिए मजदूर बुखार की गोली खा रहे हैं, जिससे उनकी बॉडी का तापमान थर्मल स्क्रीनिंग जांच मंे ज्यादा नहीं निकले।
उधर, गुरुवार को सुबह ग्वालियर से होकर निकल रहीं तीन ट्रेनों की मजदूरों ने अलग-अलग समय पर चेनपुलिंग कर दी और उतर गए। इस दौरान 132 मजदूर प्लेटफार्म पर उतरे, जिन्हें आरपीएफ ने आनन-फानन मंे रोका और जिला प्रशासन को सूचना देकर चिकित्सा विभाग की टीम बुलाई। इन मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद बस से मालवा कॉलेज भेजा गया। जम्मू से छतरपुर जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 114 मजदूर, गुड़गांव से दमाेह जा रही ट्रेन में 16 और पठानकोट से सागर जा रही ट्रेन मंे 2 मजूदर बैठे थे।
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