फिजियोथेरेपिस्ट को सीने में दर्द हुआ, चार अस्पताल भटके परिजन, अगले दिन मौत; इंदौर में 16 दिन में हो चुकी 50 लोगों की मौत

शहर में स्वास्थ्य सेवा के क्या हाल है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक फिजियोथेरेपिस्ट को इलाज के लिए चार अस्पतालों में भटकना पड़ा। उन्हें सीने में दर्द उठा, लेकिन काेराेना संक्रमण की आशंका के चलते ग्रीन जाेन के किसी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया। आखिरकार हार्टअटैक से मौत हो गई। उनकी कोविड जांच रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। 40 वर्षीय फिजियोथेरेपिस्ट भावेश टोपीवाला की 18 जून को तबीयत खराब हुई। उन्हें सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हुई। पत्नी पहले उन्हें निजी अस्पताल ले गईं, लेकिन डॉक्टर्स ने संक्रमण की आशंका में दूसरे अस्पताल जाने को बोल दिया। पत्नी के मुताबिक वे चार बड़े अस्पतालों में गईं, लेकिन किसी ने एडमिट नहीं किया। इसके बाद पति को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा, पर जान नहीं बच पाई।
सोमवार को 1087 सैंपल में से 54 नए पॉजिटिव मरीज मिले। 2 लोगों की मौत हो गई। जिले में पॉजिटिव मरीजों की मौत का आंकड़ा 200 पार कर चुका है। शहर में पहला पॉजिटिव मरीज 24 मार्च को सामने आया था और 54 दिन व 2470 मरीज पॉजिटिव आने पर सौ मरीजों की मौत हुई थी।
वहीं, अगले सौ मरीजों की मौत केवल 36 दिन में और 1903 मरीज सामने आने पर दर्ज की गई। मौतों की दर चार से बढ़कर 5.25 फीसदी हो गई। पहले 50 मौत होने पर 20 से अधिक दिन लग रहे थे लेकिन 150 से 200 मरीजों की मौत का आंकड़ा तो केवल 16 दिन में आया।
- देश के कुल एक फीसदी मरीज इंदौर में दर्ज है (देश में 426473 मरीज और इंदौर में 4373 हैं)
- मौत की बात करें तो देश में इंदौर का प्रतिशत डेढ़ फीसदी हो जाता है, देश में 21 जून की रात तक 13695 मरीज की मौत दर्ज की गई थी, जिसमेंइंदौर में 201 मौत है।
- मप्र के किसी भी जिले में सौ मौत भी दर्ज नहीं हुई है, इंदौर के बाद भोपाल में सर्वाधिक 83 मौत दर्ज है। मप्र की कुल मृत्यु दर 4.32 फीसदी है, वहीं इंदौर की 4.59 फीसदी है।
5 से 21 जून के बीच मृत्यु दर सर्वाधिक 7.68% हो गई

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