रियल एस्टेट; हर दिन 200 से ज्यादा रजिस्ट्रियां होना शुरू
लॉकडाउन के बाद एक बार फिर शहर में रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आने लगी है और संपत्तियों की खरीदी-बिक्री शुरू हो गई है। लॉकडाउन खुलने के बाद जून के 12 दिन में ही 1890 रजिस्ट्रियां हो गई हैं। बीते सात दिन में हर दिन औसतन 200 से ज्यादा रजिस्ट्रियां हो रही हैं। शुक्रवार को तो यह आंकड़ा 250 के पार हो गया। सामान्य दिनोें में इंदौर में करीब 300 दस्तावेज पंजीबद्ध होते हैं। इसकी बड़ी वजह मप्र शासन द्वारा पंजीयन शुल्क में दी गई छूट है।
साथ ही शासन ने नए वित्तीय साल में जो निर्माण दर 50 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया था, उसे 30 जून तक रोक दिया है। इसके चलते 45 लाख के मकान के पंजीयन पर अभी खरीदार को करीब सवा लाख रुपए की स्टैंप व पंजीयन शुल्क की बचत हो रही है। वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे ने बताया लॉकडाउन के बाद शुरू हुई रजिस्ट्रियों से करीब 20 करोड़ का राजस्व मिल गया है और हर दिन रजिस्ट्रियों की संख्या बढ़ रही है।
30 जून तक इस तरह हो रही है बचत
यदि 30 लाख के प्लॉट पर दो हजार वर्गफीट का निर्माण है, तो वर्तमान निर्माण दर 744 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से वह 14.88 लाख होता है, इस तरह पूरा मकान 44.88 लाख रुपए का होता है। इस पर पंजीयन शुल्क, स्टैंप ड्यूटी कुल 12.50 फीसदी की दर से 5 लाख 61 हजार होती है, लेकिन शासन ने इस पर भी 30 जून तक 5 फीसदी की छूट दी हुई है यानी इसमें 28 हजार 50 रुपए की छूट मिलेगी और केवल 5 लाख 32 हजार 950 रुपए ही लगेंगे।
एक जुलाई से इस तरह पड़ेगा असर
1 जुलाई से गाइडलाइन मूूल्य पूर्ववत रहने से प्लॉट का मूल्य तो 30 लाख रहेगा, लेकिन निर्माण दर 1115 रुपए प्रति वर्गफीट हो जाएगी और तब लागत 22.30 लाख रुपए होगी और मकान 52.33 लाख रुपए का पड़ेगा। इस पर 12.50 फीसदी की दर से स्टैंप ड्यूटी व पंजीयन शुल्क कुल 6 लाख 53 हजार 750 रुपए होगा।
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