5 दिन पहले नौकरी गई तो हिंदी विवि के क्लर्क ने हाथ की नस काटकर दे दी जान

भोज मुक्त विवि स्थित ऑफिसर क्वार्टर के बाथरूम में बीए के छात्र ने हाथ की नस काटकर जान दे दी। वे पढ़ाई के साथ हिंदी विवि में संविदा पर क्लर्क (नॉन टीचिंग स्टाफ) थे। पांच दिन पहले नौकरी छूट जाने के कारण वे तनाव में थे।
प्रशिक्षु डीएसपी ऋचा जैन के मुताबिक 21 वर्षीय आर्यन पिता मनोहर सिंह भोज विवि के ऑफिसर क्वार्टर में मौसी डॉ. हेमलता दिनकर के साथ रहते थे। उनकी मौसी विवि में एचओडी हैं। शनिवार सुबह नौ बजे हेमलता ने देखा कि बाथरूम में आर्यन खून से लथपथ पड़े थे। उनके बाएं हाथ की नस कटी थी और पास ही एक चाकू पड़ा था। उनकी चीख सुनकर पड़ोसी आ गए।

दो साल की उम्र में गुजर गई थीं आर्यन की मां

डॉ. हेमलता के मुताबिक जब आर्यन दो साल के थे, तभी उनकी मां गुजर गई थी। पिता ने दूसरी शादी कर ली। इसलिए वे मौसी के साथ ही रहते थे। आर्यन भोज विवि में बीए की पढ़ाई करने के साथ-साथ हिंदी विवि में नॉन टीचिंग स्टाफ में थे। लॉकडाउन में विवि बंद रहने के दौरान एक जून को आर्यन समेत अन्य कुछ लोगों को भी नौकरी से हटा दिया गया था।

कुछ कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गईं
प्रो. रामदेव भारद्वाज, कुलपति, हिंदी विवि के मुताबिक, लॉकडाउन होने के कारण काम नही था। इसलिए कुछ कर्मचारियों की सेवाएं नहीं लेने के किए एजेंसी को कहा गया था।



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5 days before the job, the clerk of the Hindi University cut the nerve of the hand and gave it to life


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