हमारे हनुमान ताल की पाल में दरार आई, मरम्मत नहीं हुई तो बारिश में रिसाव होगा

हनुमान ताल की पाल में दो जगह बड़ी दरार आ गई है। यदि समय रहते मरम्मत नहीं हुई तो इस बारिश में तालाब लबालब नहीं भर पाएगा। इसका खामियाजा क्षेत्र की 50 से ज्यादा कॉलोनियों को उठाना पड़ेगा, जहां का जलस्तर इस तालाब के भरे रहने से बना रहता है।
160 बीघा में फैला यह तालाब सज्जन मिल की जमीन पर बना है। मिल बंद होने के बाद यह प्रशासन के कब्जे में चला गया। प्रशासन ने 2010 में तालाब का प्रबंधन नगर निगम के हवाले कर दिया। तालाब की पाल में दोनों तरफ बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। पूरी पाल में छोटी दरारें तो कई जगह पर है। दरार के कारण कमजोर हुई पाल तालाब में ज्यादा पानी भरने पर बह भी सकती है।
आधिपत्य का पत्र दिखाने के बाद भी नहीं जागा निगम
हनुमान ताल विकास समिति के पवन सोमानी ने बताया पिछले साल तालाब में सीवरेज लाइन डाली जा रही थी। चैंबर तो बना भी दिए थे। विरोध किया तब जाकर ठेकेदार ने लाइन वापस तालाब में से निकाली और चैंबर तोड़े। उस समय पाल में दरारें आना शुरू हो गई थीं। हमने उस समय ही नगर निगम व जिला प प्रशासन को बता दिया था कि यह दरारें बड़ी हो सकती हंै। आखिर सालभर में दरारें बड़ी हो गई हंै लेकिन नगर निगम ने आज तक इसकी सुध नहीं ली है।
पिछले साल जब सीवरेज लाइन डलने की शिकायत की थी तो निगम अधिकारियों ने पहले साफ इंकार कर दिया कि तालाब अपने अधीन होने से ही इंकार कर दिया। जब हमने 2010 में प्रशासन द्वारा निगम को तालाब प्रबंधन के लिए दिया पत्र दिखाया तो नगर निगम के अफसर सीवरेज लाइन निकलवाने को तैयार हुए। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि तालाब का वेस्ट वेयर भी कमजोर हो रहा है। यदि यह बहा तो 10 से ज्यादा कॉलोनी में पानी भर जाएगा।
एसके सिंह, कमिश्नर नगर निगम:तालाब की पाल ठीक करवाई जाएगी
नगर निगम के कर्मचारियों को भेजकर तालाब की पाल व वेस्ट वेयर का मुआयना करवाया जाएगा और उनकी रिपोर्ट के आधार पर मरम्मत करवाई जाएगी।
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