वायरस से ज्यादा बेरहम निकले दुकान मालिक बाजार खुलते ही खाली करने का बना रहे दबाव

कोरोना वायरस ने सिर्फ ऐसे लोगों को शिकार बनाया जिन्होंने लापरवाही की, लेकिन शोभित कॉम्प्लेक्स और आशीर्वाद मार्केट के कारोबारी इस दौरान जो यातना झेल रहे हैं वह कोविड-19 से ज्यादा बेरहम साबित हो रही है। बस अनलाॅक हुआ और व्यापार पटरी पर आ भी नहीं पाया कि इन व्यापारियों पर दुकानें खाली करने का दबाव शुरू हो गया है। अंधेरगर्दी इस तरह हो रही है कि कुछ दुकानों की छत फोड़ दी गई तो कुछ में बिजली के मीटर उखाड़ फेंके गए। कुल मिलाकर 74 दिनों के लाॅकडाउन में व्यापारियों ने जो नहीं झेला अब अनलॉक में झेल रहे हैं।
लॉकडाउन शुरू होने के चंद दिनों बाद ही प्रधानमंत्री ने जो नसीहत दी थी उसका कुछ लोगों पर रत्ती भर असर नहीं हुआ। हालाँकि संपत्ति स्वामी-किराएदार और नियोक्ता-कर्मचारी के बीच अधिकांश जगह रिश्ते नहीं बिगड़े, लेकिन कुछ मामले ऐसे भी आए हैं जिनमें आपसी संबंधों, अपनापन और सामाजिक जिम्मेदारी को कोई तवज्जो नहीं दी गई।
कारोबारी बोले { एक संकट टला नहीं दूसरी मुसीबत कैसे झेलें
पहले से कर्जदार ठप पड़ा व्यापार
नगर निगम मुख्यालय के पास स्थित शोभित काॅम्प्लेक्स और लार्डगंज थाने के पास स्थित आशीर्वाद मार्केट के दुकानदारों को दुकानें खाली करने परेशान किया जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि वे पहले ही कर्ज में हैं और परेशान हैं ऐसी स्थिति में वे कहाँ जायेंगे। कुछ लोगों को मार्केट खाली करने के लिये धमकियाँ भी दिलवाई जा रही हैं। वे कई वर्षों से यहाँ व्यापार कर रहे हैं और उन्होंने अपनी जमा पूँजी इसी व्यापार में लगा दी है या दुकानों काे लेेेने में खर्च कर दी है। महामारी के दौर में उनका गुजारा भी मुश्किल से हो रहा था, अगर वे दुकानें खाली कर देंगे तो कहाँ जायेंगे।
दोनोंमार्केटों में तीन-तीन दर्जन से ज्यादा दुकानें
नगर निगम मुख्यालय से लगे शोभित काॅम्प्लेक्स और आशीर्वाद मार्केट में तीन-तीन दर्जन से ज्यादा दुकानें हैं। दोनों ही मार्केट मुख्य बाजारों में हैं यही कारण है कि यहाँ कई लोगों की नजरें हैं। इन दुकानों की डिमांड होने से दुकानदारों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे दुकानें खाली करके चले जायें। दुकानें खाली करने कहीं तोड़फोड़ की जा रही है तो कहीं छत में छेद किये जा रहे हैं, ताकि दुकानदार किसी भी हाल में दुकानें खाली कर दें। इन दोनों मार्केट में जबकि कोई 25 साल से तो कोई 30 साल से व्यापार कर रहा है। व्यापारियों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से उन्हें इतना परेशान किया गया है कि वे दहशत में हैं। आये दिन फोन आते हैं और धमकियाँ दी जाती हैं।
पुलिस और प्रशासन का संरक्षण
जानकारी के अनुसार जो बड़े व्यापारी इन मार्केटों को खरीदना चाहते हैं उन्हें पुलिस और प्रशासन का पूरा संरक्षण है। जिसके चलते खरीददार व्यापारी का छोटे व्यापारी कुछ नहीं कर पाते और वे लगातार धमकियाँ और दुकानें खाली कराने का दबाव बनाते हैं। दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिन अधिकारियों के पास वे गये उन्हें हर तरफ से निराशा हाथ लगी और उल्टे ही उनसे तरह-तरह के प्रश्न किये गये।
बेरहमी से अवसर का फायदा
किराया मिलने और न मिलने के मामलों को लेकर आशंका जताई गई थी कि निचले तबके में खटास देखी जा सकती है, लेकिन शोभित कॉम्प्लेक्स और आशीर्वाद मार्केट के मामले में ऐसा नहीं। जानकारों का कहना है कि दुकान मालिक इस संकट में भी मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। योजना यह बनाई गई है कि दुकानों के रेट बढ़ाने और रेंट के लिए मनमर्जी करने इससे बेहतर अवसर और दूसरा नहीं हो सकता है। यही वजह है कि कारोबार के पटरी पर आने से पहले ही दुकानों काे खाली करने के लिए ताकत झोंक दी गई है। पी-4
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