विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई शिकायतकर्ता व आरोपी में शुरू हुए विवाद

डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग के नाम से बिना अनुमति फेसबुक आईडी चलाने तथा बहुजन समाज पार्टी का प्रचार किए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। मामले में शिकायत होने के बाद विभाग के दो प्रोफेसरों में तकरार शुरू हो गई है। इसका खुलासा सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक शिकायती पत्र से हुआ है।
पत्र में शिकायर्ता प्रोफेसर ने आरोपी प्रोफेसर से जानमाल की हानि होने की आशंका जताई है। पत्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के अलावा अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली, गृह मंत्रालय भोपाल, कलेक्टर दीपक सिंह, एसपी अमित सांघी, अजाक तथा सिविल लाइंस थाने की पुलिस को भेजा गया है। पत्र में प्रो. केकेएन शर्मा ने कहा है कि विभाग में पदस्थ प्रो. राजेश कुमार गाैतम द्वारा विवि प्रशासन से अनुमति लिए बिना मानव विज्ञान विभाग की फेसबुक आईडी चलाई है। इस पर राजनैतिक के अलावा अन्य आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड किए जाने के कारण इसकी नामजद शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन से की गई थी। प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। लिहाजा प्रो. गौतम के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने गत 15 जून को विवि के प्रशासनिक भवन जाते वक्त मेरे वाहन के आगे अपना वाहन लगाकर बिना नाम लिए गालीगलौज की है। चूंकि प्रो. गौतम अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित हैं। लिहाजा वह की गई शिकायत के मामले में समझौता करने के लिए एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराने की प्रयास कर सकते हैं। पूर्व में भी उक्त प्रोफेसर झूठा प्रकरण दर्ज करा चुके हैं। जांच के बाद अनुसूचित जाति आयोग नई दिल्ली ने प्रकरण को खारिज कर दिया था। इसके अलावा डीन तथा मेरे कक्ष में घुस कर गालीगलौज भी की जा चुकी है। मामले की शिकायत विश्वविद्यालय से की गई थी।

कुलपति के पास जवाब नहीं : इस संबंध में की गई कार्रवाई और प्रशासन का पक्ष जानने के लिए कुलपति प्रो. आरपी तिवारी तथा रजिस्ट्रार राकेश मोहन जोशी से दो-दो बार फोन पर संपर्क किया गया। इसके अलावा एसएमएस के जरिए फोन और वाट्सएप पर सवाल भी भेजे गए। लेकिन दोनों अधिकारियों ने न तो फोन रिसीव किए और न ही एसएमएस का जवाब दिया।



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