नामांतरण-बँटवारा के अभी भी डेढ़ हजार से ज्यादा मामले लंबित

लॉकडाउन के कारण जमीनों से जुड़े सभी मामले ठप पड़ गए थे। पूरा अमला कोरोना वायरस की लड़ाई में जुटा था, अब अनलॉक हो गया है और दफ्तर भी खुल गए हैं जिसके बाद नामांतरण और बँटवारा से जुड़े प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। जिले की सभी तहसीलों में शिविर लगाकर आवेदन लिए जा रहे हैं और प्रकरणों का निपटारा किया जा रहा है। फिलहाल की स्थिति में प्रकरणों की संख्या डेढ़ हजार के पार पहुँच गई है। सोमवार 22 जून को शिविर में आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख है। इसके बाद इन प्रकरणों का तेजी से निराकरण करना होगा। अगर विवादित प्रकरण हैं तो उनकी सुनवाई की जाए और नियमानुसार कार्यवाही करने के आदेश हैं।
राजस्व के मामलों की पेंडेंसी लॉकडाउन में बढ़कर 7 हजार के पार पहुँच गई थी। लोगों के आवेदन भी जमा नहीं हो रहे थे, दफ्तरों के खुलने के बाद कलेक्टर भरत यादव ने सभी तहसीलदारों को निर्देश दिए कि अब राजस्व के मामलों का तेजी से निराकरण करें। सभी तहसीलों में काम शुरू हुआ और निराकरण हुआ तो मामलों की पेंडेंसी खत्म हुई। वर्तमान में लगभग 16 सौ प्रकरण अभी शेष बचे हैं, इनके भी निराकरण एक सप्ताह में करने के आदेश हैं।
जिले में यह है स्थिति
जानकारी के अनुसार जिले में जमीनों के नामांतरण के 1486 प्रकरण पहुँचे। इसी तरह बँटवारा के विवादित 8 और अविवादित प्रकरण 147 प्रकरण पहुँचे। इनमें से नामांतरण के 82 से ज्यादा प्रकरणों का निपटारा किया गया, वहीं बँटवारा से जुड़े 5 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
सभी आवेदनों का
हो रहा निराकरण
नामांतरण-बँटवारा से जुड़े प्रकरणों की संख्या बढ़ने के कारण शिविर लगाकर आवेदन लिए जा रहे हैं और कलेक्टर साहब के आदेश पर सभी तहसीलों में प्रकरणों का निराकरण भी हो रहा है। जो मामले विवादित हैं उन पर जरूर सुनवाई हो रही और पूरी जाँच के बाद ही प्रकरणों का निपटारा होगा।
- ललित ग्वालवंशी, एसएलआर
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