बीएमसी के डॉक्टर ऑन कॉल नहीं, ऑन ड्यूटी रहें; कोरोना मरीज की मौत के कारण पर बहानेबाजी नहीं चलेगी : एमडी भारद्वाज

कोरोना मरीजों का डेथ रेट बढ़ने के चलते सागर प्रदेश का हॉट स्पॉट बनता जा रहा है। सरकार की लगातार यहां नजर बनी हुई है। राज्य और केंद्र की टीमों से निरीक्षण कराने के बाद शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की एमडी छवि भारद्वाज ने बीएमसी और जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें बीएमसी के सीनियर डॉक्टरों के अस्पताल में राउंड कम होने की जानकारी मिली। उन्होंने डॉक्टरों को चेताते हुए कहा कि ऑन कॉल नहीं ऑन ड्यूटी रहे डॉक्टर।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही नहीं चलेगी। मरीजों की मौत पर भी गहनता से संज्ञान लिया। उन्होंने प्रभारी डीन डॉ. आरएस वर्मा, डॉ. तल्हा शाद समेत सभी डॉक्टर्स से कहा कि पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु के कारणों पर किसी तरह की कोई भी बहानेबाजी बर्दाश्त नहीं होगी। देखने मेें आ रहा है कि राज्य स्तर से भेजी जा रही रिपोर्ट्स में मृत मरीजों की जानकारी के अलावा अन्य बीमारियों को प्रमुख वजह दिखाई जा रही है, जो सरासर गलत है। डीन को निर्देश दिए कि फिर से डॉक्टरों का रोस्टर तैयार कर हर शिफ्ट में सीनियर डॉक्टर की ड्यूटी लगाएं। एमडी के साथ विभाग के डायरेक्टर ई विजय कुमार भी मौजूद थे।
क्या डायबिटिक या वृद्ध जिंदा नहीं बचते?
एमडी भारद्वाज ने कहा कि रिपोर्टिंग में अक्सर मरीज की मौत का कारण हाई बीपी, डायबिटीज की हिस्ट्री और लंग्ज इन्फेक्शन या न्युमोनिया आदि बता दिया जाता है। मेरा सवाल ये है कि क्या इन बीमारियों से ग्रसित लोगों का जिंदा रहना मुश्किल है या इनका इलाज नहीं हो सकता है। कोरोना पॉजिटिव है तो उसका तत्परता से उपचार किया जाए। मरीज की मौत कोरोना इन्फेक्शन से हो तो अन्य कारणों की बहानेबाजी से बचा जाए।
टीबी मरीजों को जिला अस्पताल भेजने पर आपत्ति ली
एनआरएचएम की एमडी ने टीबी अस्पताल और फ़्लू ओपीडी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से पूछा कि टीबी अस्पताल को आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। ऐसे में टीबी के मरीज कहां रखे जा रहे हैं। डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल भेजने की बात बताई। एमडी ने टीबी के मरीजों को जिला अस्पताल भेजने पर आपत्ति ली और शासन से बात करने को कहा। वहीं फ्लू ओपीडी पहुंच कर मरीजों और सैंपलिंग के संबंध में पूछताछ की।
जल्द शुरू होगी नॉन कोविड के इलाज की व्यवस्था
जिला अस्पताल के वार्डों में बड़ी संख्या में मरीज मिले। उन्होंने बीएमसी के अधिकारियों से चर्चा कर बीएमसी में कोविड के मरीजों और अन्य मरीजों के अलग-अलग इलाज के लिए योजना तैयार करने को कहा है। इस दौरान बीएमसी के डीन डॉ आरएस वर्मा, अधीक्षक डॉ एसके पिप्पल, सीएमएचओ डॉ. इंद्राज सिंह और डॉ रमेश पांडेय आदि मौजूद थे।
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