अभिभावकों के मोबाइल नंबर लेकर वॉट्सएप ग्रुप में तो जोड़ लिए, नेटवर्क न मिलने से नहीं हो पा रही पढ़ाई
जिले में कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक के 84 हजार 236 छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के लिए डिजीलेप कार्यक्रम शुरू किया गया है। लेकिन हकीकत जिले में अब भी 90 फीसदी छात्र-छात्राएं इस शिक्षा से वंचित हैं। शिक्षा विभाग की मानें तो 10 जून तक 5 हजार 337 छात्र-छात्राओं को इस शिक्षा से जोड़ा जा सका है। इसका मुख्य कारण गांवों में एंड्रायड फोन और नेटवर्क की समस्या होना बताया जा रहा है।
कोरोना की रोकथाम के चलते नवीन सत्र में फिलहाल स्कूल न खुलने के चलते शिक्षा व्यवस्था ठप है। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई शुरू कराने के लिए ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को अपनाते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने डिजीलेप कार्यक्रम शुरू करते हुए छात्र-छात्राओं तक 100 प्रतिशत शिक्षण सामाग्री वाट्सएप के माध्यम से पहुंचाने की बात कही गई थी। 4 अप्रैल से शुरू हुए इस कार्यक्रम में श्योपुर जिले में 84 हजार 236 छात्र-छात्राओं में से अब तक 5 हजार 337 छात्र-छात्राएं ही जुड़ सकें। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गांवों में एंड्रायड फोन और मोबाइल नेटवर्क की समस्या से बच्चों तक शिक्षण सामाग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
1152 स्कूलों में से सिर्फ 29 स्कूलों के छात्र-छात्राओं तक पहुंच रही शिक्षण सामाग्री
जिले में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की कुल संख्या 1152 हैं। इनमें से सिर्फ 29 स्कूलों के छात्र-छात्राओं तक ही शिक्षण सामाग्री वाट्सएप पर उपलब्ध हो पा रही है। जिनमें हजारेश्वर, मकड़ावदा, दांतरदा, पांडोला, बड़ौदा, प्रेमसर, उतनवाड़, ढोढर, मानपुर, कन्या विद्यालय श्योपुर, अगरा, सहसराम, गोहटा, उत्कृष्ट विजयपुर, कन्या विजयपुर, वीरपुर, श्यामपुर, ओछापुरा, टर्राकलां, गढ़ी, गिरधरपुर, बरगंवा, कराहल, सेसईपुरा, गोरस, आवदा, पहेला, जाखदा और पटोंदा के स्कूल शामिल हैं। हालाकि यह स्कूल भी शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं तक शिक्षण सामाग्री उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।
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