कांग्रेस नेता पंकज पूनिया के खिलाफ दर्ज करो प्रकरण

कोरोना के संक्रमण काल में प्रवासी मजदूरों को लेकर ट्विटर पर भगवा व संघी के साथ श्रीराम के नाम से आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले कांग्रेस नेता पंकज पूनिया के खिलाफ जिला अदालत ने प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। न्यायिक दण्डाधिकारी रजनी प्रकाश बाथम की अदालत ने परिवाद पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया। जबलपुर हिन्दू उत्सव समिति के संयोजक एवं भाजपा नेता शरद अग्रवाल, हनुमानताल निवासी संतोष चौबे व अन्य की ओर से दायर परिवाद में कहा गया था कि ट्विटर पर कांग्रेस नेता द्वारा भगवान श्री राम को लेकर की गई टिप्पणी बेहद अपमानजनक एवं अभद्र है, जिससे हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएँ आहत हुईं हैं। इस बारे में माढ़ोताल और हनुमानताल में की गई शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर ये परिवाद कोर्ट में दायर किए गए थे। परिवादियों की ओर से अधिवक्ता सत्येन्द्र सिंह ने पक्ष रखा।
किशोरी ने कहा- मुझे किसी के साथ नहीं जाना, कोर्ट ने दिए सुधार गृह भेजने के निर्देश

13 पेशियों के बाद कोर्ट में पेश की गई कथित तौर पर अपहृत हुई एक किशोरी को जस्टिस विजय शुक्ला की एकलपीठ ने सुधार गृह भेजने के निर्देश दिए। मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा पेश की गई किशोरी ने अदालत के पूछने पर कहा कि वह किसी के भी साथ नहीं जाना चाहती है। इस पर अदालत ने एक माह बाद की स्थिति का पता लगाने के लिए अगली सुनवाई 20 जुलाई को निर्धारित की है। अदालत ने ये निर्देश बरगी थानांतर्गत रहने वाले राम प्रसाद (बदला हुआ नाम) की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिए। याचिकाकर्ता का आरोप था कि उनकी नाबालिग नातिन का अपहरण गाँव में ही रहने वाले एक युवक ने किया है। नामजद शिकायत देने के बाद भी पुलिस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही, जिस पर यह याचिका दायर की गई। आवेदक की ओर से अधिवक्ता नवतेज सिंह रूपराह पैरवी कर रहे हैं। पी-4

किशोरी से दुराचार करनेवाले को जमानत नहीं
पाक्सो मामलों की विशेष न्यायाधीश इंद्रा सिंह की अदालत ने एक किशोरी से दुराचार करने के आरोपी सतीश उर्फ छोटू चौधरी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। आरोपी पर आरोप है कि उसने 12 मार्च 2020 से 11 जून 2020 के बीच शादी का प्रलोभन देकर किशोरी के साथ दुराचार किया। शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। शासन की ओर से अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकड़े ने पैरवी की।

मोटर व्हीकल रूल के संशोधन की संवैधानिकता को चुनौती
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने उस मामले पर राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए, जिसमें मप्र मोटर व्हीकल रूल्स 1953 के नए संशोधित नियम 76(1) की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता वीरेंद्र कुमार साहू व अन्य की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि वे मध्य प्रदेश के विभिन्न भागों तथा अंतर्राज्यीय मार्गों में बसें संचालित कर रहे हैं। अपर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (प्रशासनिक) ने एक ऑर्डर शीट के माध्यम से नियम 76 (1) में संशोधन करते हुए राज्य के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक की मार्ग दूरी को 25 किलोमीटर से 250 किलोमीटर तक बढ़ाने की कार्रवाई शुरू कर दी। इसी तारतम्य में मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 76(1) में संशोधन का अधिसूचना जारी कर दी गई, जो असंवैधानिक है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी पैरवी कर रहे हैं।



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