लाइब्रेरी की 3 हजार से ज्यादा पुस्तकों का हिसाब नहीं दे सके, होगी वसूली

शासकीय बीकेएसएन कॉलेज की पुरानी लाइब्रेरी काे हैंडओवर करने का कार्य पूरा होने के बाद अब इसकी बची हुई 3000 से ज्यादा किताबों का हिसाब बाकी है। इसे कॉलेज की पुस्तक समिति द्वारा चेक करने के बाद कालापीपल के लाइब्रेरियन अनिल माथुर से वसूला जाएगा।
गौरतलब है कि कॉलेज की पुरानी लाइब्रेरी का मामला चार वर्ष पुराना है, जो इतने ही साल से बंद थी। तब कॉलेज के लाइब्रेरियन कालापीपल के वर्तमान लाइब्रेरियन अनिल माथुर थे। लाइब्रेरी से अनेक पुस्तकें जारी हुई थी। लाइब्रेरी के रजिस्टर में 45000 बुक दर्ज थी। इसमें से 42000 पुस्तकों का लाइब्रेरियन माथुर द्वारा कॉलेज के नए लाइब्रेरियन नहव आलम अंसारी को चार्ज प्रदान दे दिया गया है। शेष बची 3000 से ज्यादा पुस्तकों का हिसाब-किताब बाकी है। कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. वी.के. शर्मा ने बताया कि पुस्तक समिति द्वारा इन पुस्तकों का डेटा तैयार किया जाएगा। इसके बाद देखा जाएगा कि कितनी पुस्तकें कौन-कौन से वर्ष जारी हुई हैं, जो विद्यार्थियों से पुनः मंगाई जाएगी। जो पुस्तकें पढ़ने लायक नहीं बची है उनका डेटा खत्म किया जाएगा। इसके बाद बाकी पुस्तकों की लाइब्रेरियन से वसूली की जाएगी। इसके लिए भी एक से डेढ़ महीने की प्रक्रिया रहेगी।
पुरानी लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन अनिल माथुर पिछले चार साल से लाइब्रेरी हैंडओवर करने की प्रक्रिया को टाल रहे थे, क्योंकि इस लाइब्रेरी की पुस्तकें उन्हीं के कार्यकाल में विद्यार्थियों को दी गई थी तथा इसमें कई गायब हुई पुस्तकों की जानकारी नहीं थी। वर्ष में एक बार आकर 10 दिन कार्य करके पुनः चले जाते थे। लेकिन कालापीपल के प्रभारी प्राचार्य ओमप्रकाश शर्मा और बीकेएसएन कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य डॉ. शर्मा के समन्वय से लॉकडाउन में लाइब्रेरी का हैंडओवर करने का कार्य माथुर से करवाया गया, जो लगातार 5 चरणों में 70 दिनों तक चला। इसके बाद 21 जुलाई को यह कार्य पूरा हुआ।
4 हजार से ज्यादा छात्रों को मिलेगा लाइब्रेरी का फायदा
आखिरकार चार साल से चल रही हैंड ओवर की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। यह प्रक्रिया प्रभारी प्राचार्य डॉ. शर्मा के कार्यकाल में ही शुरू हुई थी और उन्हीं के कार्यकाल में समाप्त हुई। अब लाइब्रेरी से इसी सत्र से कॉलेज के 4000 से ज्यादा विद्यार्थी इसका लाभ ले सकेंगे। पुरानी लाइब्रेरी में बुक जारी करने और जमा करने की पर्याप्त व्यवस्था है तथा काउंटर भी बने हुए हैं।
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