निमाड़ी बोलने वाले बदमाशों में उलझी पुलिस, जबकि क्षेत्र में ज्यादा वारदातें टांडा गैंग ने की
लिंबोदी की प्राइम सिटी में हुई सनसनीखेज लूट के मामले में तेजाजी नगर पुलिस अभी भी सिर्फ निमाड़ी बोलने वाले बदमाशों को ट्रेस करने में लगी है, जबकि तेजाजी नगर के लोगों का कहना है कि यहां अधिकांश वारदातें टांडा की गैंग करती है, वे भी मिली-जुली निमाड़ी-मालवी और आदिवासी भाषा बोलते हैं। हो सकता है घटना के वक्त रिटायर्ड अफसर घबराहट में भाषा नहीं पहचान पाए हों। इसलिए पुलिस को दूसरे बिंदुओं पर भी तलाश करना चाहिए।
प्राइम सिटी में हुई उज्जैन तिलहन संघ के रिटायर्ड कार्यकारी महाप्रबंधक के साथ हुई लूट में पुलिस पांचवें दिन खाली हाथ है। पुलिस का कहना है कि वे निमाड़ी बोलने वाले बदमाशों की तलाश कर रहे हैं, इसलिए आसपास की पांच कॉलोनियों को चिह्नित किया गया है। यहां 75 से ज्यादा आदतन बदमाशों से पूछताछ हो चुकी है। पुलिस को कुछ सुराग लगे थे। सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को मिले हैं, लेकिन आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं। घटना के तीन दिन पहले आराधना नगर एक्सटेंशन में रहने वाले सुरेश एमजी और नितिन कुमार के घर भी चोरी का प्रयास किया गया था। यहां भी तीन बदमाश थे जो भाग गए थे। हालांकि यहां एक युवक मिला था, जो मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा है। जब अगले दिन इसकी शिकायत की गई तो पुलिस थाने से सुरेश एमजी को पुलिसकर्मी ने धमकाया भी था। कहा कि चोरी नहीं हुई तो क्यों प्रचार कर रहे हो। लोगों को खबरें देने से कुछ नहीं होगा। वहीं जिस मानसिक बीमार को पकड़ा था, उसके परिजन ने भी धमकाया और कहा था कि हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। इससे भी क्षेत्र के रहवासी आक्रोशित हैं।
टांडा-झाबुआ में भी तलाश रहे बदमाश
लोगों ने कहा हो सकता है बुजुर्ग बदमाशों की बोली को निमाड़ी समझे हों। या फिर बदमाश भी जानबूझकर निमाड़ी बोल रहे हों, ताकि पुलिस गुमराह होती रहे। इसलिए पुलिस को बाग-टांडा वाले सेक्टर में जाकर भी पड़ताल करना चाहिए। टीआई आरएनएस भदौरिया का कहना है कि रहवासियों से सुझाव मिलने के बाद हमारी एक टीम टांडा की तरफ भी जा रही है।
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